अलीगढ़. 20 अप्रैल यानि आज सूर्य ग्रहण लगा हुआ है. इस बारे में श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर बहुत हल्ला हो रहा है. लोगों को डराने का भी प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, इस दिन भारत में इसका असर नहीं पड़ेगा. जिससे सूतक पातक मानने का दोष नहीं है. इससे डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सूर्य और चंद्रमा एक ही है. चाहे दिखाई दे या ना दें. तब भी इसकी किरणों का प्रभाव रहता है. माना गया है कि सूर्य का प्रकाश जहां तक पहुंचता है, वहां तक नाकारात्मक शक्तियां भी पहुंचती है. इसलिए जो गर्भवती महिलाएं हैं. जिनके पेट में नवजात शिशु पल रहा है. उन्हें चाकू छुरी से काटना, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और अपने पति के स्पर्श से दूर रहना चाहिए. वहीं इस समय माताओं को खाने और पीने का भी ध्यान रखना चाहिए. सूर्य ग्रहण का समय सुबह 7:09 से दोपहर 12: 29 बज के बीच में रहेगा. ऐसे में महिलाएं कोई भी धार्मिक पुस्तक पढ़ सकती हैं. साथ ही गुरु मंत्र का जाप भी कर सकती हैं. ऐसा करने पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा.
22 मार्च 2023 से 08 अप्रैल 2024 तक भारतीय विक्रम संवत 2080 में समस्त भू-मंडल पर एक चंद्रग्रहण तथा तीन सूर्य ग्रहण पड़ेंगे. भारतीय भूभाग पर 28 अक्टूबर 2023 आश्विन शुक्ल पूर्णिमा रविवार में होने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण ही समस्त भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. 20 अप्रैल 2023 का कंकणाकृती सूर्यग्रहण लगेगा. वहीं 14 अक्टूबर 2023 का कंकणाकृती सूर्यग्रहण तथा 08 अप्रैल 2024 का खंडग्रास सूर्यग्रहण दिखाई देगा. हालांकि भारत में ये ग्रहण कहीं भी दिखाई नहीं देगा. इसलिए सूतक काल दोष से डरने और घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यह भारतवर्ष में कहीं भी दिखाई नहीं देगा. लेकिन, इस ग्रहण का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर जरुर पड़ेगा.
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भारत में कहीं भी न दृश्य सूर्य ग्रहण संवत 2080 वैशाख कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि दिन गुरुवार को पड़ रहा है. 20 अप्रैल 2023 को भारतीय समय अनुसार सुबह 7 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक विदेशों में कंकणाकृती खंडग्रास सूर्यग्रहण रहेगा. इस ग्रहण को अमेरिका, समोआ, बरूनी, कंबोडिया, चीन, तिमोर, फिजी, जापान, मलेशिया न्यूजीलैंड, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, वियतनाम, अंटार्टिका ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण हिंद महासागर, इंडोनेशिया, फिलीपींस आदि देशों में देखा जा सकेगा. परंतु भारत में यह ग्रहण किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा. अतः इसके किसी भी प्रकार के सूतक पातक, स्नान दान, पुण्य , यम – नियम दोष पूरे भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे. अतः किसी भी बात से आपको घबराने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं है.