मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात के सूरत सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. यानी कांग्रेस नेता की दो साल की सजा अब भी बरकरार है. सेशंस कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सवाल उठ रहा कि अब राहुल गांधी के पास आगे का रास्ता क्या होगा.
राहुल गांधी ने सजा पर रोक लगाने की मांग की थी
दरअसल राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मामले में सूरत कोर्ट से मिली दो साल की सजा को चुनौती दिया था. उन्होंने अपनी याचिका में दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया था. उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये थे जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था.
अब राहुल गांधी के पास क्या है रास्ता
सूरत सेशंस कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद राहुल गांधी के लिए रास्ता पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है. कांग्रेस नेता अब हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकते हैं. अगर वहां से राहत मिलती है, तो राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती है. कांग्रेस पार्टी की ओर से खबर आ रही है कि राहुल गांधी शुक्रवार को अहमदाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
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मोदी सरनेम मामले में 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया और दो साल की सजा सुनाई
गौरतलब है कि गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया.