नीरज कुमार, गया
ईद पर इस बार दुबई और सऊदी का अतर (इत्र) गया शहर में महकेगा. बाजार के अधिकतर दुकानों में इन देशों के इत्र बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. ईद की खरीदारी के लिए बाजार आ रहे लोग अपनी जरूरत व शौक के अनुसार इत्र की भी खुलकर खरीदारी कर रहे हैं. मुस्लिम संप्रदाय के प्रमुख त्योहारों में ईद भी शामिल है. ईद के दिन नमाज पढ़ने के बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई बधाइयां देते हैं. गले मिलने के बाद एक-दूसरे पर अतर लगाकर भाईचारे व मोहब्बत का पैगाम भी देते हैं. साथ ही सगे-संबंधियों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, सहयोगियों, मित्रों के साथ-साथ संबंध रहने पर दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी घरों पर आमंत्रित कर ईद की सेवइयां व अन्य पकवान परोसकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं. साथ ही घर आये सभी मेहमानों को अतर लगाकर भाईचारे व मोहब्बत को और अधिक मजबूत बनाते हैं.
वैसे तो मुस्लिम संप्रदाय के सभी पर्व-त्योहारों व शुभ कामों में अतर लगाने की प्रथा इस्लाम धर्म की स्थापना काल से चली आ रही है. इस धर्म से जुड़े लोग प्रत्येक शुक्रवार को मस्जिद, ईदगाह, मदरसा में आयोजित होने वाले सामूहिक नमाज के बाद भी अतर का उपयोग करते रहे हैं. लेकिन ईद में इसकी उपयोगिता काफी अधिक बढ़ जाती है. ईद में काफी मांग होने से विदेशों से भी अलग-अलग खुशबू के अतर कारोबारियों द्वारा बिक्री के लिए मंगाये जाते हैं. इस बार भी ईद को लेकर इससे जुड़े कारोबारियों द्वारा दुबई व सऊदिया से भी अतर बिक्री के लिए मंगाया गया है. देश में तैयार अतर की तुलना में इस बार सऊदी व दुबई के अतर की बिक्री अधिक होने की बात कारोबारियों द्वारा बतायी गयी है.
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इत्र के खुदरा कारोबारी मो यासिर इमाम ने बताया कि खुदरा बाजार में क्वालिटी व क्वांटिटी के अनुसार 400 से 2000 रुपये तक दुबई व सऊदी के इत्र बिक रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्वदेशी इत्र विदेशी कंपनियों के इत्र की तुलना में काफी सस्ता रहने के बाद भी ईद पर इसकी बिक्री कम हो रही है. उन्होंने बताया कि इत्र के एक और उत्पाद प्रीमियम सीसी भी इस बार ईद पर बिक्री के लिए मंगाया गया है. इसकी कीमत क्वालिटी के अनुसार 1000 से 2000 रुपये प्रति 10 एमएल है. स्वदेशी इत्र की कीमत क्वालिटी के अनुसार तीन सौ से लेकर 1000 हजार रुपये तक प्रति 10 एमएल है. उन्होंने बताया कि उद, ईमान, करीम, मैग्नेट, बेला, चमेली, गुलाब, मजमुआ सहित एक सौ से अधिक फ्लेवर व खुशबू के इत्र बाजार में बिक रहे हैं. लोग अपनी पसंद की खुशबू के अनुसार इसकी खरीदारी कर रहे हैं.
अल्लाह-त-आला ने कही है कि उनको खुशबू बहुत पसंद है. शरीर की सफाई के साथ-साथ साफ कपड़े पहन कर व उस पर इत्र लगाकर एक-दूसरे से मिलने पर मोहब्बत बढ़ती है. नफरतें दूर होती हैं. इस्लाम जब से आया है मुस्लिम समाज के लोग अल्लाह-त-आला के बताये इस आदेश को आज भी मानते हैं. हुजूर का मानना है कि दिन भर काम करने के बाद शरीर व कपड़े से बदबू आना तय है. ऐसे में एक दूसरे से मिलने से दूरियां बढ़ती हैं. नफरतें बढ़ती हैं.
मोहम्मद सबाहउद्दीन चिश्ती, गद्दीनशीन, खानकाह.