Gorakhpur : सीएसआर के तहत करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर जिले में प्रस्तावित महिला विश्वविद्यालय बनेगा. महिला विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा होगी. इस विश्वविद्यालय में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की व्यवस्था होगी. विश्वविद्यालय की संभावनाओं बालिकाओं के उत्थान के लिए जरूरी सुविधाओं के आकलन के लिए कंसल्टेंसी फर्म को जिम्मेदारी दी गई है.
गोरखपुर में प्रदेश का पहला महिला विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय रियल एस्टेट कंपनी शोभा डेवलपर की ओर से लिया गया है. जिसको लेकर कंपनी के अधिकारियों ने गोरखपुर का दौरा भी कर लिया है. इस महिला विश्वविद्यालय के लिए जिला प्रशासन द्वारा 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. और इसका संचालन भी कंपनी की ओर से किया जाएगा.
गोरखपुर में पहले से चार विश्वविद्यालय संचालित है. जिसमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय शामिल है. महिला विश्वविद्यालय बन जाने से गोरखपुर में पांच विश्वविद्यालय हो जायेंगे. मंडलायुक्त गोरखपुर रवि कुमार एनजी ने बताया कि सीएसआर फंड से महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की जानी है. इसकी संभावनाओं को लेकर कंपनी की ओर से कंसलटेंसी फर्म से सर्वे कराया जाएगा.यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सारी सुविधा उपलब्ध होगी.
गोरखपुर को 2032 तक सिटी ऑफ नालेज बनाने का पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की संकल्पना को प्रदेश का पहला महिला विश्वविद्यालय साकार करेगा. विश्वविद्यालय के संचालन की व्यवस्था शिक्षकों की उपलब्धता, पाठ्यक्रमों की संभावनाओं को लेकर कंपनी कंसलटेंसी कंपनी ऑनेस्ट एंड यंग से सर्वे कराएगी. गोरखपुर में महिला विश्वविद्यालय स्थापित करने का उद्देश्य कंपनी का फोकस महिलाओं के उत्थान पर है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सुविधाओं की काफी जरूरत है. पूर्वांचल के पिछड़ेपन को दूर करने में यह विश्वविद्यालय काफी कारगर साबित होगा.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर
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