यूपी के माफिया अतीक अहमद को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई पर गोली चलाने वाले ने कहा कि हम मशहूर होना चाहते थे…. ये मशहूर होना नहीं है, ये वो ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं…हम पूछना चाहते हैं कि उनपर UAPA क्यों नहीं लगा? उन्हें 8 लाख का हथियार किसने दिया? आप याद रखो कि ये आतंकवादी हैं, ये रेडिक्लाइज हो चुके हैं. ये गोडसे के नक्शे कदमों पर चल रहे हैं.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि इन्होंने गोली मारी दो लोगों को जिन्हें कोर्ट ने सजा दी थी. वे दोनों पुलिस की कस्टडी में थे. ये लोग आतंकी है. ये किसी और को भी मार सकते हैं. मुझे भी मारने की साजिश की जा सकती है लेकिन मुझे डर नहीं..मुझे अल्लाह पर भरोसा है.
#WATCH उन्होंने(अतीक अहमद और उसके भाई पर गोली चलाने वाले) कहा कि हम मशहूर होना चाहते थे। ये मशहूर होना नहीं है, ये वो ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं।…हम पूछना चाहते हैं कि उनपर UAPA क्यों नहीं लगा? उन्हें 8 लाख का हथियार किसने दिया? आप याद रखो कि ये आतंकवादी हैं, ये… pic.twitter.com/rkgGnaaGFt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2023
अतीक-अशरफ मर्डर पर सवाल खड़े करते हुए हैदराबाद सांसद ओवैसी ने कहा कि यह देश में दूसरे मुस्लिम सांसद की हत्या हुई है. इससे पहले गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए ओवैसी ने सांसद एहसान जाफरी के नाम का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में इस तरह से हत्याएं होना गलत इशारा कर रही हैं.
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यहां चर्चा कर दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की घटना का एसआईटी, फारेंसिक टीम और न्यायिक जांच आयोग की टीम ने गुरुवार को नाट्य रूपांतरण किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआईटी और अन्य टीमें दोपहर करीब डेढ़ बजे घटनास्थल काल्विन हास्पिटल पहुंची जहां पहले से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. इस दौरान, एडीजी भानु भास्कर, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा और संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि भी मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि गत 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब पुलिस उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए काल्विन अस्पताल में लेकर दाखिल हुई. हमलावरों को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था. बुधवार को सीजेएम डीके गौतम की अदालत ने इन आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड में सौंप दिया.
भाषा इनपुट के साथ