गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर पहुंचने के बाद भाजपा में बगावत के सुर थम गये हैं. रुठे भाजपाइयों में कुछ को छोड़कर लगभग सभी ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. नाम वापसी के अंतिम दिन महापौर नगर पंचायत अध्यक्ष पार्षद एवं सदस्य पदों पर 290 प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया है इनमें कई उम्मीदवार भाजपा के बागी थे. नगर निगम के 80 वार्ड में 74 बागियों ने पर्चा वापस लिया है. सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में बागियों से मुलाकात के बाद सभी को भविष्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का भरोसा भी दिया है.
टाउन एरिया में चेयरमैन पद के भी कई दावेदारों ने अपना पर्चा वापस लिया है. गोरखपुर आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पार्टी के पदाधिकारियों के बागी होकर चुनाव में उतरने की सूचना पहुंच गयी थी. सीएम ने जिला और महानगर से बागी हुए प्रत्याशियों की सूची तलब की थी. ज्यादातर लोगों के पास संदेश पहुंचा तो कुछ को गोरखनाथ मंदिर बुलाया गया. प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह और महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता कुछ बागियों के साथ मंदिर पहुंचे थे.
इन बागियों में शक्तिनगर से निवर्तमान पार्षद आलोक सिंह बिसेन, अशोक गुप्ता, रितेश सिंह भी शामिल थे. आलोक सिंह सीएम योगी के सामने भावुक हो गए और अपनी बात रखी. योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बेहतर समायोजन का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने सभी को पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने का निर्देश दिया .इस दौरान निकाय चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश उपाध्यक्ष महानगर अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ चर्चा भी की.
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बागी प्रत्याशियों ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. बीजेपी से महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री से कुछ कार्यकर्ता मिले थे.सभी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं .उन लोगों ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. कुछ ऐसे बागी प्रत्याशी भी हैं जिन्हें भाजपा संगठन मनाने में असफल रहा है.अशोकनगर वार्ड से निवर्तमान भाजपा पार्षद राजेश तिवारी ने अपनी पत्नी सुमन तिवारी को निर्दलीय मैदान में उतारा है. उनका कहना है कि 5 साल तक वे लोगों बीच में रहे हैं. निकाय चुनाव लड़ने की बारी आई तो पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया है.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप