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भागलपुर-बांका SH को जोड़ने वाला अमरपुर बाइपास 2025 तक होगा तैयार, एनओसी के बाद निकाला जायेगा टेंडर

भागलपुर-बांका स्टेट हाइवे को जोड़ने वाले अमरपुर बाइपास के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने वित्तीय लक्ष्य का निर्धारण किया है. तीन साल में खर्च होने वाली राशि का निर्धारण किया गया है.

भागलपुर-बांका स्टेट हाइवे को जोड़ने वाले अमरपुर बाइपास के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने वित्तीय लक्ष्य का निर्धारण किया है. साथ ही भौतिक लक्ष्य भी तय कर दिया है. यानी, तीन साल में बनने वाले इस बाइपास के लिए वित्तीय लक्ष्य के तहत किस साल में कितनी राशि खर्च करनी है, वह तय किया है. वहीं, भौतिक लक्ष्य के तहत किस साल में कितने प्रतिशत कार्य को पूरा करना है, उसका भी निर्धारण किया है. ताकि, इसका निर्माण समय से पूरा हो सके.

कार्य एजेंसी चयन के लिए जल्द होगी टेंडर की प्रक्रिया

दरअसल, अबतक यह देखा गया है कि निर्माण से जुड़े कार्य तय समय से साल-छह माह पीछे चल रहा होता है. कभी-कभी तो यह वर्षों बाद भी पूरा नहीं हो पाता है. योजनाएं अधर में लटकी रहती हैं. इस कारण से विभाग ने बाइपास निर्माण का कार्य शुरू होने से पूर्व में बजट एक्सपेंडिचर हेड के साथ वित्तीय व भौतिक लक्ष्य का निर्धारण कर दिया है. ज्ञात हो कि अमरपुर बाइपास का निर्माण के लिए 74 करोड़ 24 लाख 24 हजार के अनुमानित व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. कार्य एजेंसी चयनित कर लिए जाने के बाद बाइपास निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा. कार्य एजेंसी चयन के लिए पथ निर्माण विभाग जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया अपनायेगी और इसे पूरा करेगी.

शामिल किये गये सड़कों का जानना होगा स्टेटस

बता दें की अमरपुर बाइपास के निर्माण के लिए जिस किसी भी सड़कों को इसमें शामिल किया गया है, उसका पहले स्टेटस देखा जायेगा ताकि संबंधित विभाग द्वारा पूर्व में कार्य कराया गया है या नहीं. अगर कार्य कराया गया है, तो कहीं वह डिफेक्ट लैबलिटी पीरियड (मेंटेनेंस पॉलिसी) में तो नहीं है. पथ निर्माण विभाग ने बांका के कार्यपालक अभियंता से कहा है कि अन्य विभागों से अधिग्रहित पथों के मामले में किसी पथ में संबंधित विभाग द्वारा कार्य कराया गया है, तो डिफेक्ट लैबलिटी पीरियड के बाद कार्य कराना सुनिश्चित किया जाये.

एनओसी के बाद निकाला जायेगा टेंडर, चयनित की जायेगी एजेंसी

पथ निर्माण विभाग के हेडक्वार्टर ने बांका के कार्यपालक अभियंता से स्पष्ट तौर पर कहा है कि अन्य विभागों के ऑनरशिप वाले बाइपास पथों के निर्माण के लिए उक्त पथ के संबंध में संबंधित विभाग से एनओसी प्राप्त होने के पश्चात निविदा आमंत्रण की कार्रवाई की जाये. यानी, अधिग्रहित पथ के स्वामित्व वाले विभाग से एनओसी लेने के बाद ही टेंडर निकाला जायेगा.

जानें वित्तीय लक्ष्यों के बारे में

साल 2022-23 : 3.50 करोड़ रुपये

साल 2023-24 : 40 करोड़ रुपये

साल 2024-25 : 30.74 करोड़ रुपये

कार्य पूरा करने का भैतिक लक्ष्य

साल 2022-23 : लगभग 05 प्रतिशत कार्य पूर्ण करना है.

साल 2023-24 : लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण करना है.

साल 2024-25 : सभी कार्य पूर्ण करना है.

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