बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन के लिए सौंपे गये आवेदन पत्रों की जांच आरंभ करा दी है. काउंसिल में फरवरी 2022 से निबंधन ठप पड़ा था. इस दौरान काउंसिल के पास करीब चार हजार से अधिक आवेदन रजिस्ट्रेशन के लिए जमा हो गये थे. काउंसिल में नियमित रजिस्ट्रार नहीं होने से इन आवेदन पत्रों की जांच प्रारंभ नहीं हो सकी थी.
प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
अब काउंसिल ने फार्मेसी पास सभी विद्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित राज्य और विश्वविद्यालयों को भेजना आरंभ कर दिया है. विश्वविद्यालयों द्वारा प्रमाण पत्रों को सत्यापित किये जाने के बाद रजिस्ट्रेशन भी आरंभ हो जायेगा.
अभी तक काउंसिल के स्थायी अध्यक्ष और रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं
बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के चुनाव के बाद अन्य सरकारी सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से अभी तक काउंसिल के स्थायी अध्यक्ष और रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं की गयी है. तत्कालीन व्यवस्था के तहत फार्मेसी काउंसिल का अस्थायी अध्यक्ष निदेशक प्रमुख ( स्वास्थ्य सेवाएं) को बनाया गया है जबकि अस्थायी रजिस्ट्रार के रूप में राज्य औषधि नियंत्रक को जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
हाइकोर्ट के निर्देश के बाद आरंभ हुई रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार की जिम्मेवारी होती है कि वह जितने भी छात्र-छात्राओं के आवेदन प्राप्त हों, उनकी फार्मेसी की डिग्री की जांच संबंधित विश्वविद्यालय से कराने के बाद ही रजिस्ट्रेशन करें. हाल ही में पटना हाइकोर्ट के निर्देश के बाद एक बार फिर रजिट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है.