16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Karnataka Election: पूर्व में हुए चुनावों में शिरहट्टी में जिसे मिली जीत, उसी पार्टी की राज्य में बनी सरकार

Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तहत आगामी 10 मई को होने वाले मतदान में इस बार भी लोगों की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं कि क्या इस विधानसभा क्षेत्र के लोग एक बार फिर खुद को मौसम विज्ञानी साबित कर सकेंगे.

Karnataka Election 2023: मध्य कर्नाटक के गडग जिले का शिरहट्टी, राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस क्षेत्र के मतदाता चुनावी मिजाज भांपने में निपुण हैं. यहां की जनता जिस दल की जीत सुनिश्चित करती है, राज्य की सत्ता की बागडोर भी वही संभालता है. कर्नाटक के पिछले 12 विधानसभा चुनावों के नतीजे तो यही बताते हैं. हालांकि, आजादी के बाद अब तक हुए कुल 14 चुनावों में से दो ही मौके ऐसे आए जब शिरहट्टी में जीत किसी एक दल के उम्मीदवार की हुई और सरकार किसी दूसरे दल की बनी. यह दोनों चुनाव उस दौर में हुए जब कर्नाटक, मैसूर राज्य कहलाता था. साल 1973 में पुनर्नामकरण करके इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया था.

एक बार फिर खुद को साबित कर सकेंगे मौसम विज्ञानी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तहत आगामी 10 मई को होने वाले मतदान में इस बार भी लोगों की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं कि क्या इस विधानसभा क्षेत्र के लोग एक बार फिर खुद को मौसम विज्ञानी साबित कर सकेंगे. इस बार यहां के चुनावी मैदान में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चंद्रु लमानी, कांग्रेस की सुजाता निंगप्पा डोड्डामणनि और जनता दल (सेक्युलर) के हनुमंथप्पा नायक के बीच है. भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से जीत दर्ज करने वाले रमप्पा लमानी का टिकट काटकर एक सरकारी चिकित्सक चंद्रू लमानी को उम्मीदवार बनाया है.

Also Read: Explainer: कर्नाटक में लिंगायतों को रिझाने में जुटी भाजपा, 62 उम्मीदवारों पर लगाया दांव
1957 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव

साल 1957 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में शिरहट्टी से कांग्रेस की जीत हुई और राज्य में सरकार भी उसकी ही बनी. हालांकि अगले दो लगातार चुनावों में यह क्रम जारी नहीं रहा. वर्ष 1962 और 1967 के विधानसभा चुनावों में यहां से स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की लेकिन सरकार कांग्रेस की ही बनी. इसके बाद से अब तक हुए राज्य विधानसभा के चुनावों में हर बार यहां से जीत दर्ज करने वाली पार्टी की राज्य में सरकार बनी.

शिडलिगप्पा को 29,993 मतों से किया पराजित

वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में शिरहट्टी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रामप्पा लमानी ने कांग्रेस के उम्मीदवार डी आर शिडलिगप्पा को 29,993 मतों से पराजित किया था. इसके बाद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी भाजपा ने सरकार बनाई और कमान बी एस येदियुरप्पा के हाथों में गई. लेकिन 8 सीटें कम पड़ने की वजह से सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

Also Read: Karnataka Election 2023: केसीआर की बीआरएस ने जेडी (एस) को बताया दोस्त, विधानसभा चुनावों में करेगी समर्थन
14 महीने के भीतर गिर गई सरकार

इसके बाद कांग्रेस की सहायता से जनता दल (सेक्युलर) के एच डी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बने. लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों के पाला बदलने के कारण 14 महीने के भीतर ही कुमारस्वामी की सरकार भी गिर गई. कई दिनों तक खिंचे नाटकीय घटनाक्रम के बाद येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने. इससे पहले, 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार ने शिरहट्टी से जीत दर्ज की और राज्य में सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी.

शिरहट्टी से जीत दर्ज करने वाली पार्टी ही राज्य में सरकार बनाती रही

इसी प्रकार 2008 में भाजपा और 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकारें बनीं तो शिरहट्टी में भी सत्ताधारी दलों के विधायकों को सफलता मिली. वर्ष 1972 से लेकर 1999 तक हुए चुनावों में भी यही स्थिति बनी रही. शिरहट्टी से जीत दर्ज करने वाली पार्टी ही राज्य में सरकार बनाती रही. वर्ष 1999 में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो कांग्रेस के नेता एस एम कृष्णा राज्य के मुख्यमंत्री बने. इसके पहले, 1994 के चुनाव में जनता दल के एच डी देवेगौड़ा मुख्यमंत्री बने तो उनकी पार्टी के ही उम्मीदवार जी एम महंतशेट्टार ने यहां से जीत हासिल की.

किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत की दर्ज

साल 1989 में कांग्रेस के शंकर गौड़ा पाटिल ने शिरहट्टी से विधानसभा चुनाव जीता और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी. वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की तो राज्य में सरकार भी जनता पार्टी की ही बनी. रामकृष्ण हेगड़े इस सरकार के मुखिया बने. इसके पहले हुए 1983 के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस सीट से किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की.

Also Read: Poonch Attack: ड्रोन, खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टर की मदद से आतंकवादियों की तलाश जारी, 12 हिरासत में
बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में उतरे

कांग्रेस के तत्कालीन विधायक यू जी फकीरप्पा को टिकट नहीं मिला तो वह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में उतर गए. उन्होंने जीत भी दर्ज की. राज्य में विधानसभा त्रिशंकु बनी. कांग्रेस को 82 सीटों पर तो जनता पार्टी को 95 सीटों पर जीत मिली. फकीरप्पा ने जनता पार्टी का समर्थन कर दिया. सरकार भी जनता पार्टी की बनी और पहली बार हेगड़े राज्य के मुख्यमंत्री बने.

इन विधासभा क्षेत्रों में भी जीतना जरुरी

शिरहट्टी के अलावा भी कर्नाटक में कुछ ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां से जीत दर्ज करने वाली पार्टी ने राज्य की सत्ता पर राज किया. इनमें कोप्पल जिले की येलबुर्गा, विजयनगर जिले की हरपनहल्ली, चिक्कमगलुरु जिले का तारिकेरे और दावणगेरे जिले की दावणगेरे सीट शामिल हैं. साल 1999 से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में इन सीटों पर जिस दल के उम्मीदवार को जीत मिली, सत्ता भी उसी दल को नसीब हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें