धनबाद के निरसा में 6 दिनों से अंधेरे में रह रहे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को विधायक की गाड़ी को गांव प्रवेश करने से रोक दिया. ग्रामीणों की विधायक से बहस भी हुई. मालूम हो कि डीवीसी पंचेत के कमांडिंग एरिया के विस्थापित गांव बांदा, गुलूडांगा एवं डैम साइड कॉलोनी में पिछले 6 दिनों से बिजली गुल है.
इस भीषण गर्मी में परेशानहाल सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष डीवीसी प्रबंधन की कार्यशैली के विरोध में सड़क पर उतर आये हैं. सूचना मिलने पर निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता मौके पर पहुंचीं, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया. आक्रोशित ग्रामीणों में नाराजगी दिखी कि विधायक 6 दिनों से कहां थीं. इसके अलावा विधायक पुलिस के साथ गांव पहुंचीं थीं, इससे भी ग्रामीण खासा नाराज दिखें.
6 दिनों से बिजली गुल रहने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों के सब्र का बांध शुक्रवार की रात ही टूट गया. लोगों ने शुक्रवार रात 8 बजे डीवीसी के बिजली अभियंता पीके राय को उनके कार्यालय में बंधक बना लिया था. अभियंता शनिवार सुबह छह बजे तक लोगों के घेरे में रहे. पंचेत पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें बंधन मुक्त कराया. आक्रोशित विस्थापितों ने रात में ही डीवीसी की हाइटेंशन लाइन काट दी. इससे पूरे डीवीसी एरिया में ब्लैकआउट की स्थिति आ गई है. उमस भरी गर्मी में डीवीसी कर्मचारियों और अधिकारियों के आवासों की भी बिजली गुल है. इससे लगभग 15 हजार की आबादी प्रभावित है.
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इस संबंध में डीवीसी बिजली विभाग के एसडीइ अमर खलखो ने कहा कि 220 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया जा रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने लगाने नहीं दिया. अभियंता का घेराव कर रखा था. उच्च अधिकारियों से बातचीत कर समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है.
इससे पहले शनिवार को ग्रामीणों ने पूरे डीवीसी एरिया में रैली निकाली और सड़क पर खिचड़ी बना सामूहिक भोजन किया. इस रैली का नेतृत्व मुखिया भैरव मंडल कर रहे थे. सूचना मिलने पर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों की मांग को जायज ठहराया. शनिवार रात तक ग्रामीणों का आंदोलन जारी था. प्रशासन ने विधि व्यवस्था के लिए जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस मंगा लिया है. लोगों ने गांव में बैठक कर निर्णय लिया कि जब तक उन्हें बिजली नहीं दी जायेगी, तब तक पूरी डीवीसी में बिजली की आपूर्ति नहीं होने देंगे.
इधर, डीवीसी के अधिकारी समस्या के समाधान में जुट गये हैं. शनिवार सुबह विस्थापित ग्रामीणों ने पंचेत क्षेत्र में रैली निकाली और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. लोगों ने बिजली दो या फिर उनकी जमीन वापस करो के नारे लगाये. जिसके बाद रविवार को विधायक अपर्णा सेनगुप्ता गांव पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें गांव के अंदर नहीं आने दिया.