Jharkhand News: देवघर के रिखियापीठ में अक्षय तृतीया पर अनुष्ठान का आयोजन किया गया. इस दौरान स्वामी निरंजनानंद एवं स्वामी सत्संगी जी की उपस्थिति में तमिलनाडु की महिला योगीनियों ने श्रीयंत्र की पूजा की. साथ ही 10 महाविद्या का हवन ललिता सहस्त्र पाठ किया गया. इस मौके पर स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि अक्षय तृतीया में देवी मां से मिलने वाला आशीर्वाद से जीवन में कभी क्षय नहीं होता है तथा यह आशीर्वाद जन्म-जन्मातंर तक साथ रहता है.
सेवा, प्रेम व दान रिखियापीठ का मुख्य संदेश
अक्षय तृतीया पर परम गुरु स्वामी सत्यानंद जी ने प्रेम, सेवा व दान का संदेश दिया था. प्रेम ही जीवन का आधार है. प्रेम मन को शांत करने का सुंदर तरीका है. प्रेम भी एक योग है. यह प्रेम योग एक सुंदर अनुभूति प्रदान करता है. परिजन, बंधु-बांधव समेत जरूरतमंदों की सेवा कर प्रेम की अनुभूति कर सकते हैं. इससे जीवन आनंदित होता है. सेवा, प्रेम व दान रिखियापीठ का मुख्य संदेश है.
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प्रेम को अपने हृदय में धारण करें : स्वामी सत्संगी
वहीं, स्वामी सत्संगी जी ने कहा कि अक्षय तृतीया पर परमहंस स्वामी सत्यानंद जी ने सेवा व प्रेम का बीज बोया है. गुरुजी ने जीवन में दूसरों के लिए जीने का संदेश दिया. यह सुख-शांति के साथ जिंदगी जीने का संदेश है. गुरुजी ने प्रेम का बीज जो बोया है उसे आत्मसात करने की जरूरत है. अपने हृदय में प्रेम का धारण करें. सबकुछ प्रेम से संभव है. रिखियापीठ में ग्रामीणों के बीच उनके जरूरत के अनुसार सामग्री दान के रूप में दिया गया. संध्या में आरती की गयी. अनुष्ठान में देश-विदेश के कई अनुयायी पहुंचे. इसमें उद्योगपति नेस वाडिया समेत रांची से आये भाजपा के प्रदेश महामंत्री बालमुकुंद सहाय ने भी गुरु का आशीर्वाद लिया.