औरंगाबाद: बिहार के सूर्यनगरी, औरंगाबाद के देव में रविवार को श्रीसूर्य महायज्ञ का आगाज हुआ. अक्षय तृतीया के अवसर पर कलशयात्रा के साथ यज्ञ का शुभारंभ हुआ, तो पूरा इलाका भगवान भुवन भास्कर की भक्ति में सराबोर हो गया. कलशयात्रा में राज्य के कोने-कोने से 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस दौरान 11 हजार श्रद्धालुओं ने कलश धारण किया. देव थाना के समीप रानी तालाब मैदान में बने भव्य यज्ञ मंडप व कथा पंडाल से शोभायात्रा निकली.
ढोल, मोर बाजा, सिंघा, घोड़ा व रथ के साथ निकली शोभायात्रा की भव्यता देखते ही बन रही थी. जय भास्कर के नारों से पूरी देवनगरी गुंजायमान हो गयी. श्रद्धालुओं का सैलाब देव बाजार होते हुए सूर्यकुंड तालाब पहुंचा, जहां बाबा विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के अर्चक डॉ श्रीदेव मिश्र के नेतृत्व में विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश में जलभरी करायी. इस दौरान जब आसमान में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट गूंजी, तो श्रद्धालु आनंदित हो गये. आसमान से हेलीकॉप्टर ने श्रद्धालुओं पर जमकर पुष्प वर्षा की. पहले देव सूर्यकुंड तालाब की चारों ओर हेलीकॉप्टर ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाये और फिर यज्ञ मंडप के पास भी पुष्प वर्षा की. सुबह 8:30 से 10:30 तक जलभरी का शुभ मुहूर्त निर्धारित था. इसी बीच जलभरी हुई. यज्ञ मंडप में कलश स्थापना की गयी. श्रीसूर्य नारायण यज्ञ समिति के सचिव ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश कुमार पाठक ने यज्ञ मंडप में विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की. इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच खीर का महाप्रसाद वितरण किया गया.
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कलशयात्रा के साथ यज्ञ आरंभ हुआ. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये थे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस पदाधिकारियों व जवान तैनात थे. देव थाने की पुलिस के साथ केंद्रीय पुलिस बल, सीआरपीएफ, कोबरा के जवान भी मुस्तैद थे. साथ ही हर जगह तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये थे. ताकि, कोई भी असामाजिक तत्व शोभायात्रा में विघ्न उत्पन्न नहीं करें. देव थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय सुरक्षा व्यवस्था का नेतृत्व कर रहे थे. स्थानीय पुलिस, केंद्रीय पुलिस बलों व तीसरी आंख पर सुरक्षा की जिम्मेदारी थी. भीड़ को देखते हुए देव दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को पैदल मंदिर जाना पड़ा. मेन रोड पर थाना मोड़ से पहले कोबरा कैंप के पास ही गाड़ियों को रोक दिया गया था. आगे किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं थी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सूर्य नारायण यज्ञ समिति के स्वयंसेवक भी भी चप्पे-चप्पे पर तैनात थे. जल यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए पानी, शरबत व दवाओं का इंतजाम भी विभिन्न जगहों पर किया गया था.
आज यानी वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी सोमवार को मंडप पूजन के साथ यज्ञ कुंड में अग्नि की स्थापना होगी. अग्नि स्थापना के साथ महायज्ञ विधिवत रूप से आरंभ हो जायेगा. महिला व पुरुष श्रद्धालु यज्ञ स्थल पर पहुंचकर महायज्ञ में भाग लेंगे व यज्ञ मंडप की परिक्रमा भी करेंगे. आज से ही यज्ञ स्थल पर भंडारा भी शुरू हो जायेगा. वहां श्रद्धालु महाप्रसाद ग्रहण करेंगे. हर दिन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु महाप्रसाद पायेंगे.
गौरतलब हो कि यज्ञ में पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज, तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज, अनंत विभूषित निम्बार्काचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि जी महाराज, स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज, श्री राजू दास जी महाराज, स्वामी सीताराम शरण जी महाराज, श्री सत्यप्रकाश जी महाराज पधारेंगे. काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक डॉ श्रीदेव मिश्रा जी द्वारा यज्ञ कराया जा रहा है. इन बड़े संतों के आशीर्वाद के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा. संध्या चार बजे से प्रख्यात कथा वाचिका साध्वी किशोरी वैष्णवी की ओर से ब्यास पीठ से श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है. इस महायज्ञ में 10 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.