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धनबाद : मनरेगा कार्य में गड़बड़झाला, BCCL की पक्की सड़क पर बना दी मिट्टी-मोरम वाली सड़क, पैसे भी निकाले

धनबाद प्रखंड के खरीकाबाद में मनरेगा के तहत कार्य में गड़बड़झाला सामने आया है. आलम देखिये कि पंचायत का बीसीसीएल की पक्की सड़क पर ही मिट्टी-मोरम की सड़क बना दी गयी और पैसे भी निकाल लिये गये. इतना ही नहीं एक सड़क की जांच में 14 साल लग गये.

धनबाद, संजीव झा : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत बीसीसीएल की पक्की सड़क पर मिट्टी-मोरम वाली सड़क पर बन गयी. गड़बड़ी की शिकायत मिली, तो दो वर्ष बाद जांच शुरू हुई. हद यह कि जांच भी 14 वर्ष चली, तो पता चला कि वास्तव में सड़क बनी ही नहीं थी. पूरी योजना ही कागज पर तैयार हुई और पूरी भी हो गयी. इस मामले में धनबाद प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ पर विभागीय कार्रवाई शुरू हो गयी है. उनके खिलाफ प्रपत्र क गठित किया गया है, पर दूसरा जो चौकानेवाला तथ्य सामने आया कि इस मामले से संबंधित कोई भी अभिलेख या संचिका धनबाद प्रखंड कार्यालय में नहीं है. सब गायब है.

क्या है पूरा मामला

मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2006-07 में धनबाद प्रखंड के खरीकाबाद पंचायत में एक सड़क निर्माण की योजना ली गयी थी. इसमें मिट्टी-मोरम की सड़क बननी थी. योजना स्वीकृत होने के बाद इसका क्रियान्वयन भी हो गया. भुगतान भी कर दिया गया. इसी दौरान वर्ष 2008 में तत्कालीन उपायुक्त अजय सिंह एवं डीडीसी को एक शिकायत मिली. शिकायत में कहा गया था कि खरीकाबाद में मनरेगा के तहत जिस सड़क के निर्माण को मंजूरी दी गयी. वहां पहले से ही बीसीसीएल की पक्की सड़क थी. इसके बाद पत्रांक 2319, दिनांक 27.10.2008 के जरिये विभागीय जांच का आदेश दिया गया. जांच के आदेश के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, केवल पत्राचार का खेल चलता रहा.

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इस मामले में राज्य के ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से कई बार स्मार पत्र भेजा गया. पूछा गया कि जांच रिपोर्ट का क्या हुआ. इस पर हाल में धनबाद के वर्तमान बीडीओ कुमार ज्ञानेंद्र ने अपनी रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट के अनुसार खरीकाबाद के जिस स्थान पर सड़क निर्माण में गड़बड़ी की बात है, वहां वास्तव में कभी मिट्टी-मोरम की सड़क बनी ही नहीं. यह भी कहा गया है कि उस योजना से संबंधित कोई रिकॉर्ड धनबाद बीडीओ कार्यालय में नहीं है. इससे इस बात का खुलासा ही नहीं हो रहा कि कितने की योजना थी और किसको काम मिला था.

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12 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि वसूली का आदेश

राज्य ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव शैल प्रभा कुजूर ने उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह को पत्र भेज कर कहा है कि इस मामले में दोषी अधिकारी को चिन्हित कर कार्रवाई की जाये. कहा गया है कि अगर वित्तीय अनियमितता-गबन की बात सच होती है, तो संबंधित अधिकारी से पीआर एक्ट के तहत 12 प्रतिशत ब्याज सहित राशि वसूलने को कहा गया है. दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है या नहीं के बारे में जानकारी मांगी गयी है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में धनबाद के तत्कालीन बीडीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. आरोप पत्र गठित है. लेकिन, संचिका नहीं मिलने के चलते अब तक किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है.

अब नगर निगम का हिस्सा है कार्यस्थल

धनबाद प्रखंड के खरीकाबाद के जिस योजना स्थल की जांच हो रही है, वह अब धनबाद नगर निगम के वार्ड नंबर 13 का हिस्सा है. वहां नगर निगम की कई योजनाएं चल रही हैं. मालूम हो कि वर्ष 2006 में कार्यरत अधिकांश कर्मी व अधिकारी रिटायर हो चुके हैं. इसलिए इस संबंध में कुछ पता नहीं चल रहा.

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