रांची व जमशेदपुर को जोड़ने वाली एन-एच 33 हाईवे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक संयुक्त टीम का गठन होगा. ये टीम दुर्घटना वाली संभावित स्थानों की पहचान करेगी और इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठायेगी. इस टीम में राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण के अफसर समेत परिवहन अधिकारियों और यातायात पुलिस रहेगी. गौरतलब है कि आये दिन एन-एच 33 हाईवे पर दुर्घटना होती रहती है. इस हाईवे को लोग मौत की हाईवे कहते हैं.
जनवरी माह में झारखंड में 27 सड़क दुर्घटनाएं हुई, इसमें 16 लोग घायल हो गये हैं, जबकि 21 लोगों की मौत हो गयी है. अकेले 50 फीसदी से अधिक सड़क हादसा एन-एच 33 हाईवे पर हुई है. बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए ये फैसला लिया गया.
इस मामले को लेकर जिला यातायात और सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हो चुकी है. इसकी अध्यक्षता कर रहे परिवहन आधिकारी दिनेश रंजन ने कहा है कि बढ़ते हादसों को देखते हुए पूरा रोडमैप तैयार किया जा रहा है. ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके. बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के वजहों की समीक्षा की गयी तो पता चला ओवर स्पीडिंग इसका बड़ा कारण है. साथ ही सड़क हादसों को रोकने के लिए हाईवे के आस-पास चल रहे अवैध भोजनालय में शराब की हो रही बिक्री के खिलाफ भी चेकिंग अभियान तेज किया जाएगा.
इसके अलावा समिति ने शहरी इलाकों के सात चिन्हिंत स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगाने का काम जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प लिया गया है. जिन सात स्थानों को चिन्हिंत किया गया है उनमें ट्यूब कंपनी गोल चक्कर, गोलमुरी चौक (गोलमुरी), रंकिणी मंदिर चौक (कदमा), जुस्को ऑफिस गोल चक्कर, सर्किट हाउस गोल चक्कर, लेबर ब्यूरो चौक (बिस्तुपुर) और ओल्ड कोर्ट चौक (साकची) है. वहीं बिष्टुपुर, मानगो, साकची समेत कई स्थानों पर सड़क सुरक्षा संदेश संबंधित होर्डिंग भी लगाया जायेगा.
यातायात डीएसपी कमल किशोर ने कहा कि जनवरी में मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माने के रूप में 40.64 लाख रुपये वसूल किए गए हैं. साथ ही साथ हम ग्रामीणों को जागरूक करने लगातार यातायात नियमों पर जागरूकता अभियान चला रहे हैं.