Rajasthan: भरतपुर जिले में, 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे माली समाज के धरना स्थल के करीब एक व्यक्ति का शव पेड़ पर फंदे से लटका मिला. नदबई के वृत्ताधिकारी नीतिराज सिंह ने घटना पर बात करते हुए बताया कि एक व्यक्ति का शव आज सुबह धरना स्थल से करीब 150 मीटर की दूरी पर, राजमार्ग के किनारे एक पेड़ से लटका मिला. मृतक की पहचान मोहन सिंह सैनी के रूप में हुई और वह आंदोलनकारी माली समुदाय से था. उन्होंने कहा कि शव को पास के अस्पताल के शवगृह भेजा गया है.
माली समाज के लोग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. लगातार पांचवे दिन, आंदोलन की वजह से जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है. फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी द्वारा राजमार्ग को खाली करने के आह्वान के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कल सरकार के साथ वार्ता के जरिये सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने तक, राजमार्ग खाली करने से इनकार कर दिया था. बाद में, समाज की ओर से सरकार के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति बनाई गई और आज जयपुर में बातचीत होने की संभावना है.
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जानकारी के लिए बता दें कि माली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अंतर्गत आता है और गहलोत भी माली समाज से हैं. प्रदर्शनकारी अपने नेता मुरारी लाल सैनी की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं, जिन्हें विरोध प्रदर्शन से पहले हिरासत में लिया गया था. समुदाय के लोगों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर बीते शुक्रवार को जयपुर-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की घोषणा की थी.
मृतक मोहन सिंह की जेब से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. इस नोट में मोहन ने लिखा है कि- ज्योतिबा फुले जिंदाबाद, पूरा समाज 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेगा. बता दें मृतक के दो बच्चे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वह एक दिन पहले आंदोलन में हिंसा लेने पंहुचा था. मोहन सिंह की पत्नी बीमार थी और उनका इलाज अलार्म अस्पताल में चल रहा था. दो दिन पहले ही वह अपनी पत्नी को लेकर गांव आया था. मौत के बाद मोहन के शव को नजदीकी अस्पताल में भेज दिया गया था और जल्द ही पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा. (भाषा इनपुट के साथ)