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बिहार के शहरी इलाकों में देश से ज्यादा जल स्रोत, 49.8 फीसदी सूखे और अतिक्रमण की चपेट में

बिहार में 45,793 जलस्रोतों में 95.7 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में और बाकी 4.3 प्रतिशत शहरी इलाकों में, 49.8 प्रतिशत सूखे आ अतिक्रमण की चपेट में हैं. देश में 24,24,540 जल स्रोतों की गणना की गयी, जिनमें से 97.1% (23,55,055) ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और केवल 2.9% (69,485) शहरी क्षेत्रों में हैं

कैलाशपति मिश्र, पटना. भारत में इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार ने देशभर में जल स्रोतों की गणना की है. इनमें से 97.1% (23,55,055) जल स्रोत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और केवल 2.9% (69,485) जल स्रोत शहरी क्षेत्रों में हैं. बिहार में कुल 45793 जल स्रोतों की गणना की गयी. इसमें से 43,831 यानी कुल संख्या का 95.7% ग्रामीण क्षेत्रों में बाकी 1962 यानी 4.3% शहरी क्षेत्रों में है. बिहार में सार्वजनिक क्षेत्र के स्वामित्व में राष्ट्रीय तुलना में अधिक जल स्रोत हैं. देश में 55.2% जल स्रोतों का स्वामित्व निजी हाथों में है,जबकि बिहार में यह संख्या 39.2% है. वहीं, देश में सार्वजनिक क्षेत्र के स्वामित्व 44.8% जल स्रोत हैं, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 60.8% है. सार्वजनिक क्षेत्र के स्वामित्व वाले जल स्रोतों में 22.3% जलसंसाधन विभाग, सबसे अधिक 26.9% कोऑपरेटिव, 21.2% और पंचायत के पास 10% है.यह खुलासा जल स्रोतों की गणना की रिपोर्ट में हुआ है.

बिहार में 49.8% या तो सूखा या अतिक्रमित है

गणना के अनुसार देश की तुलना में बिहार के शहरी क्षेत्रों में अधिक जल स्रोत हैं. राष्ट्रीय स्तर पर कुल जल स्रोतों का केवल 2.9% शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि बिहार में कुल जल स्रोतों का 4.3% शहरी क्षेत्रों में है. राज्य के कुल 45793 जल स्रोतों में से 50.2% जल स्रोत उपयोग के योग्य है जबकि 49.8% या तो सूखा है या अतिक्रमित है.

52.9% जल स्रोतों का क्षेत्रफल 0.5 हेक्टेयर

बिहार में जल स्रोतों का क्षेत्रफल काफी कम है. कुल जल स्रोतों में 52.9% का क्षेत्रफल 0.5 हेक्टेयर है. जबकि 10 से 50 हेक्टेयर वाले बड़े जल स्रोतों महज 0.4% यानी 200 के लगभग है. 0.5 से 1 हेक्टेयर के 19.6%, 1 से 5 हेक्टेयर के 24.1% और 5 से 10 हेक्टेयर के 2.2% जल स्रोतों का क्षेत्रफल है. जल ग्रहण क्षमता के आधार पर देखें तो 1000 से 10000 क्यूबिक मीटर जल ग्रहण क्षमता वाले जल स्रोत 36.8%, 10000 से अधिक के 26.5%, 100 से 1000 तक के 12.3% और 0 से 100 24.4% क्यूबिक मीटर जल ग्रहण क्षमता वाले जल स्रोत हैं. मंत्रालय ने पहली बार अखिल भारतीय और राज्यवार रिपोर्ट प्रकाशित की है. देश में 24,24,540 जल स्रोतों की गणना की है.

जल स्रोतों की संख्या को लेकर राज्यवार स्थिति

जल स्रोतों की संख्या के मामले में शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और असम में देश के कुल जल स्रोतों का लगभग 63 फीसदी हैं. शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों की संख्या के मामले में शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और असम हैं.

सबसे अधिक तालाब

सबसे अधिक 59.5% जल स्रोत तालाब हैं. इसके बाद टैंक -15.7%, जलाशय-12.1%, जल संरक्षण योजनाएं /रिसाव टैंक/रोक बंध-9.3% , झीलें-0.9% और अन्य-2.5% हैं. 55.2 % जल स्रोतों का स्वामित्व निजी संस्थाओं के पास है, जबकि 44.8 % जल स्रोतों का स्वामित्व सार्वजनिक क्षेत्र के पास है.

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खास बातें 

  • बिहार में 45,793 जलस्रोतों में 95.7 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में और बाकी 4.3 प्रतिशत शहरी इलाकों में, 49.8 प्रतिशत सूखे आ अतिक्रमण की चपेट में

  • देश में 24,24,540 जल स्रोतों की गणना की गयी, जिनमें से 97.1% (23,55,055) ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और केवल 2.9% (69,485) शहरी क्षेत्रों में हैं

  • केंद्र सरकार ने देश भर में पहली बार करवाई जल स्रोतों की गणना

  • बिहार में सार्वजनिक क्षेत्र के स्वामित्व में राष्ट्रीय तुलना में अधिक जल स्रोत

  • देश की तुलना में बिहार के शहरी क्षेत्रों में अधिक जल स्रोत

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