Prabhat Khabar Special: जामताड़ा जिले में अब मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी. इसके लिए जिले की हर पंचायत में स्वचालित वर्षा मापी यंत्र लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसके लिए पंचायतों में जमीन चिह्नित करने के लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. नारायणपुर के 25 पंचायतों में यह यंत्र लगाया जाएगा. इसके लिए जमीन चयन की प्रक्रिया जारी है. जिला कृषि पदाधिकारी रंजीत कुमार मंडल ने बताया कि पंचायतों में स्वचालित वर्षा मापी यंत्र लग जाने से बाढ़, चक्रवाती तूफान आदि की पूर्व जानकारी हासिल करने में सहायता मिलेगी.
वर्षामापी यंत्र लगाने की कवायद शुरू
मालूम हो कि वर्तमान समय में नारायणपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में एक वर्षामापी यंत्र है, जिसकी सहायता से प्रखंड में हुई वर्षा को मापा जाता है. लेकिन अब पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षामापी यंत्र लगाने के लिए कवायद शुरू की गयी है.
निजी भूमि पर भी वर्षामापी यंत्र लगाने का प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार, प्रत्येक पंचायत में निजी भूमि पर भी यंत्र लगाने का प्रस्ताव है, ताकि यंत्र की देखभाल सही तरीके से हो सके. पंचायत स्तर पर यंत्र लग जाने से खासकर वर्षा की सटीक जानकारी मिल सकेगी. अभी प्रखंड स्तर पर ही यंत्र लगाया गया है, जिससे पंचायतों में होने वाले वर्षापात का सटीक पता नहीं लग पाता है. लेकिन अब पंचायतों में भी यह यंत्र लग जाने से संबंधित पंचायतों में वर्षापात के साथ चक्रवाती तूफान आदि की भी जानकारी मिल सकेगी.
किसानों को मिलेगा लाभ
इसका सबसे अधिक लाभ किसानों को मिलेगा. सुखाड़ या कम वर्षापात की स्थिति में सरकार को यह जानकारी हासिल करने में परेशानी होती थी कि कहां के किसान अधिक प्रभावित हुए हैं. एजेंसी द्वारा आकलन कराने में समय भी अधिक लगता था तथा वह शत-प्रतिशत सही भी नहीं हो पाता था. लेकिन, वर्षामापी यंत्र लग जाने से सुखाड़ वाले पंचायतों की सटीक जानकारी मिल सकेगी तथा उस हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जा सकेगा.
वर्षा मापी यंत्र लगाने के लिए भूमि चिह्नित करने का निर्देश
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी रंजीत कुमार मंडल ने कहा कि पंचायत स्तर पर वर्षा मापी यंत्र लगाने के लिए भूमि चिह्नित करने का निर्देश विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है. इसके आलोक में प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं पंचायत सचिव को इस कार्य के लिए लगाया गया है. इसके लिए भूमि का अक्षांश और देशांतर मांगा गया है. रिपोर्ट निदेशालय को भेजा जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी.