ब्रिटेन सरकार के एक धार्मिक सलाहकार ने खालिस्तानी तत्वों द्वारा ब्रिटेन में सिख समुदायों को डराने और धमकाने की बात कही है. कॉलिन ब्लूम, यूके सरकार द्वारा नियुक्त एक स्वतंत्र धार्मिक मामलों के सलाहकार हैं, जिन्होंने ब्रिटेन में सिख समुदायों लो लेकर चिंता जाहीर की है और की खुलासे किए हैं. जिसमें खालिस्तानी सहानुभूति रखने वालों के कारण विभाजन भी शामिल है. ब्लूम ने ‘द ब्लूम रिव्यू’ नामक अपनी रिपोर्ट में आधिकारिक स्तर पर प्रतिनिधित्व और यूके में प्रमुख सिख निकाय के रूप में मान्यता को लेकर ब्रिटिश सिख समुदायों के कुछ क्षेत्रों के भीतर शक्ति संघर्ष की ओर इशारा किया है.
रिपोर्ट में सिख अलगाववादियों के कारण कुछ ब्रिटिश सिख समुदायों के बीच विभाजन का उल्लेख किया गया है, इसे “खालिस्तान समर्थक आंदोलन के भीतर एक चरमपंथी फ्रिंज विचारधारा” कहा जाता है. इसके साथ ही ब्लूम ने बताया कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों की गतिविधियां स्पष्ट रूप से संप्रदायवाद और मुस्लिम विरोधी भावनाओं को हवा दे रहे हैं, साथ ही साथ भेदभावपूर्ण और गलत व्यवहार को वैध बना रहे हैं.”
ब्लूम ने कहा कि खालिस्तानी समर्थक खुद को मुख्यधारा के सिख समुदायों से जोड़ते हैं लेकिन “उनके डराने-धमकाने और विध्वंसक तरीकों को ज्यादातर सिख धर्म के मूल सिद्धांतों से अलग मानते हैं.” ब्रिटिश सिख समुदाय से संबंधित उत्तरदाताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि मुख्यधारा के सिख समुदायों से तोड़फोड़ के चरमपंथी एजेंडे को अलग नहीं करने के परिणामस्वरूप ब्रिटेन “धार्मिक अतिवाद की ओर आंखें मूंद लेगा.