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कानपुर: केडीए में फर्जी कागजात लगाकर ठेकेदार ने ले लिया टेंडर, हजारों लोगों की जिंदगी लगाई दांव पर…

कानपुर प्राधिकरण की रामगंगा इंक्लेव योजना में 'A'+ कैटेगरी की ठेकेदार को वीसी ने अपने चहेते अधिशासी अभियंता के कारखास को अग्निशमन प्रबंधन का कार्य दे दिया. वो भी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के जरिए. ठेकेदार ने टेंडर पास करवाकर कार्य करवा दिया और हजारों ज़िंदगी दांव पर लगा दी.

Kanpur : कानपुर प्राधिकरण को भ्रष्टाचार का अड्डा कहा जाता है. ये हम नहीं यहां के सरकारी अभिलेख बयां करते हैं. केडीए की रामगंगा इंक्लेव योजना में प्राधिकरण के ‘A’+ कैटेगरी की ठेकेदार को वीसी ने अपने चहेते अधिशासी अभियंता के कारखास को अग्निशमन प्रबंधन का कार्य दे दिया. वो भी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के जरिए. ठेकेदार ने टेंडर पास करवाकर बिना अनुभव के रामगंगा इंक्लेव में अग्निशमन प्रबंधन का कार्य करवा दिया और हजारों ज़िंदगी दांव पर लगा दी.

बता दें कि बीते कुछ दिन पूर्व ही कानपुर थोक कपड़ा बाजार में अग्निकांड हुआ था. जिसमें 5 टॉवर जलकर स्वाहा हो गए थे. इन टॉवरों के मानक को कोई भी विभाग बता नहीं पाया है. 5 दिनों तक यहां पर आग ने अपना तांडव मचाया था. वही एक युवक की भी जिंदा जलकर मौत हो गई थी.इसके बावजूद केडीए प्रशासन अनुभवहीन ठेकेदार द्वारा कराए गए कार्य पर कार्रवाई नहीं कि बल्कि विभाग चुप्पी साधे हुए हैं.

हादसों के बाद भी नही जागता विभाग

कानपुर में इन दिनों आग का तांडव जारी है. हाल ही में थोक कपड़ा बाजार में आग लगी थी. जिससे सैकड़ो व्यापारियों का नुकसान हुआ था. इस आग के बाद सागर मार्केट की 9 मोबाइल की दुकानों में भी आग ने अपना तांडव मचाया इसके बाद भी केडीए नहीं जाग पा रहा है. केडीए ने अपने चहेते ठेकेदार को बिना अनुभव के अग्निशमन प्रबंधन का काम दिया था.

जिस योजना में अनुभवहीन ठेकेदार में कार्य किया है, वहां पर हजारों परिवार रह रहे हैं. जिनकी जिंदगी अनुभवहीन ठेकेदार के द्वारा कराए गए कार्य के कारण दाव पर लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार ने बिना अनुभव के योजना में कार्य तो किया लेकिन जो उपकरण लगाए हैं वो भी अग्निशमन विभाग की नियमानुसार नहीं लगे हैं. ऐसे में अग्निशमन विभाग भी किसी समय अनुभवहीन ठेकेदार व केडीए के खिलाफ लोगों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ करने पर कार्रवाई कर सकता है.

आरटीआई के जरिए हुआ खुलासा

केडीए में तैनात एक पीसीएस अफसर ने ठेकेदार द्वारा कथित कागजात लगा कर कार्य लेने की शिकायत की थी. जिसके बाद केडीए ने अपने जोन-2 के अधिशासी अभियंता से अनुभव प्रमाण का सत्यापन करवाया. जिसमे उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण विभाग ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी ओर से मेसर्स माया बिल्डर्स के नाम से कोई भी अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.

हालांकि की आरटीआई के जरिये विभाग ने इसके लिखत आदेश देकर भी बताया. लेकिन इसके बाद भी केडीए वीसी ऐसे भ्रष्ट ठेकेदार पर जांच अथवा कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अब देखना होगा कि कल को इस योजना में अगर कोई अग्निकांड की घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी अनुभवहीन ठेकेदार की या फिर केडीए अपने ऊपर लेगा, क्योंकि अग्निशमन विभाग ने अभी तक कोई भी एनओसी जारी नहीं की है.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी

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