रेखा सिंह…जी हां…आज इस नाम की चर्चा जोरों पर हो रही है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों लोग इस नाम की चर्चा कर रहे हैं. दरअसल, गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़पों में शहीद हुए नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह को लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय सेना में शामिल किया गया है. यही नहीं उन्हें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक अग्रिम अड्डे पर तैनात किया गया है. इस संबंध में जानकारी अधिकारियों की ओर से दी गयी है.
बताया जा रहा है कि लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में एक साल का अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. नायक दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन से थे और उन्हें 2021 में मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. इस संबंध में सेना ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है.
सेना ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि शहीद नायक (नर्सिंग सहायक) दीपक सिंह की पत्नी महिला कैडेट रेखा सिंह ओटीए से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुईं. उसने बताया कि नायक दीपक सिंह ने गलवान घाटी में हुई झड़पों में सर्वोच्च बलिदान दिया था.
Woman Cadet Rekha Singh, wife of Late Naik(Nursing Assistant) Deepak Singh, #VirChakra(Posthumous) got commissioned into #IndianArmy after completing her training from #OTA #Chennai. Nk Deepak made the supreme sacrifice during the #Galwan Clashes. pic.twitter.com/zzI3tCnBZj
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) April 29, 2023
रेखा सिंह की शादी नायक दीपक सिंह से हुई थी जो बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन में बहाल थे. 15 जून, 2020 को चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए दीपक शहीद हो गये थे. उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. यहां चर्चा कर दें कि परमवीर चक्र (पीवीसी) और महावीर चक्र (एमवीसी) के बाद ये भारत का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है.
भारत के आकलन की मानें तो, पीएलए के हताहतों की संख्या भारतीय सेना की तुलना में दोगुनी थी, हालांकि बीजिंग ने आधिकारिक तौर पर दावा किया कि केवल चार चीनी सैनिक भारतीय सेना के साथ झड़प में मारे गये हैं. अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने इस बाबत खबर प्रकाशित की है. इसमें कहा गया है कि नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हुए 200 कैडेटों में से पांच महिला कैडेटों को भी पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया है. इन पांच में से तीन को चीन सीमा की रक्षा करने वाली इकाइयों में तैनात किया गया है.
भाषा इनपुट के साथ