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कर्नाटक चुनाव के बाद चमकेगी कांग्रेस की किस्मत ? पढ़ें डी के शिवकुमार का इंटरव्यू

शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके और विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के बीच कोई झगड़ा नहीं है और अब एकमात्र उद्देश्य चुनाव में भाजपा को हराना एवं कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करना है. पढ़ें डी के शिवकुमार का खास इंटरव्यू

कर्नाटक चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चली है. यहां मुख्य रूप से तीन पार्टियां मैदान पर हैं और तीनों में से कांग्रेस जयादा उम्मीद इस चुनाव से लगा रही है. इस बीच कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया है और कई मुद्दों पर उन्होंने बात की है. कर्नाटक इकाई के प्रमुख ने कहा है कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजे एक नयी शुरुआत करेंगे और ये 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए दरवाजा खोलेंगे.

कर्नाटक इकाई के कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार इंटरव्यू में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर उत्साहित नजर आये. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 224 सदस्यीय विधानसभा में 141 सीट पर जीत हासिल करेगी. उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन चुनावों में हार के डर से राज्य में प्रचार के लिए अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व को तैनात कर दिया है. दक्षिणी राज्य में ‘मोदी फैक्टर’ काम नहीं करेगा और यहां लोगों का पूरा ध्यान स्थानीय एवं विकास संबंधी मुद्दों पर केंद्रित है.

शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके और विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के बीच कोई झगड़ा नहीं है और अब एकमात्र उद्देश्य चुनाव में भाजपा को हराना एवं कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करना है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (केपीसीसी) शिवकुमार (60) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी पार्टी द्वारा घोषित चुनावी ‘‘गारंटी’’ से ‘‘परेशान’’ हो गए हैं क्योंकि ‘‘उन्होंने जो वादे किये थे, वे उन्हें पूरा नहीं कर सके.’’ इंटरव्यू के खास अंश पढ़ें…

क्या विधानसभा चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित होगा या यह ‘मोदी बनाम राहुल’ का मुकाबला होगा?

नहीं, इसका मोदी या किसी भी अन्य राष्ट्रीय नेता से कोई लेना-देना नहीं है. यह कर्नाटक के प्रशासन से जुड़ा चुनाव है कि कैसे कर्नाटक सरकार असफल रही और कांग्रेस क्या कर सकती है. यह बहुत शांतिप्रिय राज्य है, कर्नाटक के लोग बहुत परिपक्व हैं. कर्नाटक इस देश के आर्थिक विकास का प्रवेश द्वार है। वे (भाजपा) भावनात्मक मुद्दे उठा रहे हैं, हम विकास के मुद्दों पर ध्यान देना चाहते हैं. महंगाई हर आम आदमी को प्रभावित कर रही है. हम लोगों की मदद करना चाहते हैं. साढ़े तीन साल तक भाजपा की ‘डबल इंजन’ की सरकार थी, जो पूरी तरह से असफल हो चुकी है. कर्नाटक ज्ञान की भी राजधानी है और मुझे लगता है कि हिजाब एवं हलाल जैसे अवांछित भावनात्मक मुद्दे उठाए जाने के बाद लोग डरे हुए हैं. ऐसी चीजें राज्य के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए कर्नाटक चुनाव परिणाम के महत्व पर आपकी क्या राय है?

निश्चित रूप से इससे द्वार खुलेंगे, यह शुरुआत है। यह राष्ट्रीय स्तर पर एकता और 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी की शुरुआत होगी. कर्नाटक के लोग देश को एक संदेश देंगे. पहले भी देवराज उर्स (पूर्व मुख्यमंत्री) के समय जब जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में थी, कर्नाटक ने कांग्रेस के लिए दरवाजा खोल दिया था, अब फिर से कर्नाटक अपनी भूमिका निभाएगा.

चुनाव में कांग्रेस की संभावनाएं क्या हैं?

मैं सर्वेक्षणों, अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के आधार पर अब भी 141 की संख्या पर टिका हूं. मेरा विधानसभा में पिछले 35 साल का अनुभव है. मैंने आठ चुनाव लड़े हैं, जिनमें से मैंने एक हारा है और सात जीते हैं.

आपके और सिद्धरमैया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ‘खींचतान’ पर क्या कहेंगे?

खींचतान कहां है? आप मुझे कोई एक उदाहरण, कोई एक घटना या किसी भी बात में कोई छोटा सा मतभेद दिखाइए. मैं (भाजपा नेता बी एस) येदियुरप्पा की तरह पद के लिए चिल्लाया नहीं. हम साथ खड़े हैं, हमने साथ काम किया है, हम मिलकर लड़ रहे हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य भाजपा की हार सुनिश्चित करना और कांग्रेस को सत्ता में देखना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की चुनावी गारंटी की आलोचना की और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन गारंटी को लागू करने के लिए हर साल एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.

प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बहुत परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वे उन्हें पूरा नहीं कर पाए.

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भाजपा के पूरे नेतृत्व को कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार में लगाए जाने पर आपका क्या कहना है?

वे डरे हुए हैं. लोग अब उनका सम्मान नहीं करते. उनके नेतृत्व में कर्नाटक देश की भ्रष्टाचार राजधानी बन गया है. मुख्यमंत्री और मंत्री समेत कर्नाटक में हर पद बिकाऊ है.

इस चुनाव में ‘मोदी फैक्टर और मोदी के जादू’ के असर पर आपका क्या कहना है?

कुछ काम नहीं करेगा. किसी केंद्रीय नेता का जादू नहीं चलेगा. अगर आपने (जनता का) पेट भरा है, अगर आपने सुशासन दिया है, तो ही लोग आपके बारे में सोचेंगे. इसके अलावा कुछ काम नहीं करेगा. तमिलनाडु या केरल या पश्चिम बंगाल, इसने (मोदी फैक्टर) कहां काम किया? इसने काम नहीं किया और यहां भी ऐसा ही होगा.

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