Meerut: प्रदेश के बरेली जनपद में एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने वाले मास्टरमांइड सचिन गुप्ता को पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार किया है. पुलिस उसकी लंबे समय से तलाश कर रही थी. एसटीएफ ने करीब दो साल पहले भी आरोपी की 45 करोड़ रुपये की नकली किताबें पकड़ी थी. लेकिन, तब बच निकला था. अब उससे पूछताछ में और खुलासा होने की उम्मीद है. सचिन भाजपा नेता संजीव गुप्ता का भतीजा है. गिरफ्तारी के बाद बरेली पुलिस उसे अपने साथ लेकर रवाना हो गई.
मामले के अनुसार बरेली की भोजीपुरा पुलिस ने बीते माह छापा मारकर एनसीईआरटी की नकली किताबें पकड़ी थीं. इस दौरान 16 हजार से अधिक किताबें मिली थीं. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने प्रकरण को लेकर बाद में मैनेजर रोहटा बनवारीपुर मेरठ निवासी नफीस अहमद की गिरफ्तारी की थी. पुलिस ने नफीस से पूछताछ की तो उसने मामले से जुड़े सभी माफियाओं के नाम बताए. इसके बाद मामले में अवनीश मित्तल, सोनू गुप्ता, पीयूष बंसल, भाजपा नेता संजीव गुप्ता के भतीजे सचिन गुप्ता और राहुल के नाम एफआईआर में बढ़ाए गए. प्रकरण को लेकर बाद में कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी किए गए.
इसी केस को लेकर बरेली के भोजीपुरा थानो की पुलिस टीम ने टीपीनगर थाने पहुंचकर अपनी आमद दर्ज कराई. इसके बाद मोहकमपुर जाकर सचिन गुप्ता की गिरफ्तारी की गई. बरेली पुलिस उसे अपने साथ लेकर रवाना हो गई. बताया जा रहा है कि मेरठ में जिस क्षेत्र से सचिन की गिरफ्तारी की गई, वहां वह नकली किताबें छपवा रहा था.
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हैरानी वाली बात है कि कई एफआईआर दर्ज होने के बावजूद सचिन में पुलिस का खौफ नहीं था दिखा और उसने यह काम नहीं छोड़ा. जबकि सचिन स्वयं इस बात को अच्छी तरह जानता था कि बरेली पुलिस उसकी लंबे समय से तलाश कर रही है. संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता समेत आठ लोगों पर वर्ष 2020 में भी आईपीसी की कई धाराओं सहित कापी राइट एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में 17 जनवरी 2021 में चार्जशीट लग चुकी है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है.