12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में कोरोना रूप बदलकर लोगों को बना रहा शिकार, केवल वैक्सीन से नहीं बल्कि ऐसे बच सकेंगे…

Bihar Corona News: बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. सूबे में 800 से अधिक सक्रिय मामले हैं. राजधानी पटना सबसे अधिक संक्रमित है जबकि कई जिलों में कोरोना फैल चुका है. इस बार कोरोना रूप बदलकर लोगों को शिकार बना रहा है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Bihar Corona News: कोरोना का नया वेरिएंट लोगों को फिर सताने लगा है. फिलहाल बिहार में नए संक्रमण का एक ही मामला सामने आया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर पूरी तरह सर्तक व सावधान है. जिलों में संक्रमण (Coronavirus In Bihar) के संभावित मामलों का पता लगाने के लिये कोरोना संबंधी जांच पर पूरा जोर दिया जा रहा है. कोरोना का नया वायरस बहुत अधिक खतरनाक तो नहीं लेकिन इसमें लोगों को संक्रमित करने की क्षमता काफी अधिक है.

केवल कोरोना वैक्सीन  नहीं बनेगा कवच 

बिहार के अररिया जिले में सिविल सर्जन के पद पर तैनात डॉ विधानचंद्र सिंह बताते हैं कि वैसे लोग जिन्होंने कोरोना का वैक्सीन(Corona Vaccine) ले लिया है. अगर वो ये सोचते हैं कि अब उन्हें संक्रमण का कोई खतरा नहीं है. तो ऐसा सोचना गलत है. सतर्कता के साथ-साथ बेहतर खान पान व स्वस्थ्य जीवनशैली का ध्यान रखना सभी के लिये जरूरी है.

Also Read: बिहार में जब चलता रहा अलग-अलग डॉन के नाम का सिक्का, मोकामा के 3 बाहुबली कैसे बने दिग्गज नेता? इतिहास जानिए…
नये लक्षणों के साथ आया है कोरोना

अररिया में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि कोरोना का जो पहले लक्षण था. इसके अलावा अन्य कई लक्षणों के साथ वायरस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. इसमें पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, नींद की कमी, स्वाद न लगना, थकावट कानों में झनझनाहट जैसे लक्षण भी जुटे हैं.

किसी-किसी में नहीं दिखता रोग का लक्षण

संक्रमित कुछ व्यक्तियों के केवल नाक में संक्रमण होता है. आमतौर पर रोगी को बुखार नहीं होता है. रोग संबंधी कोई विशेष लक्षण भी उजागर नहीं होते. ऐसे मरीजों को असिम्टोमेटिक मरीज कहा जाता है. ऐसे मरीजों को नियमित रूप से भाप लेना चाहिये. विटामीन सी का सेवन व इन्हेंलिंग करना लाभप्रद होता है.

बुखार नियंत्रित करने में पारासिटामोल उपयोगी

कोरोना संक्रमित कुछ लोगों में गले में संक्रमण का प्रभाव अधिक होता है. गला में खरास व कुछ घोंटने में तकलीफ व किसी चीज के चुभने का एहसास होता है. ऐसे मरीजों को तेज बुखार की शिकायत भी रहती है. बुखार नियंत्रित करने में पारासिटामोल उपयोगी है. नहीं रहने पर इसका सेवन जरूरी नहीं. तब विटामीन सी, एंटीबायोटिक, ताकत की दवा से ही मरीज जल्दी रिकवर हो जाता है.

फेफड़ा संक्रमित होने पर खांसी व दम फूलने की होती है शिकायत

कोरोना संक्रमित वैसे मरीज जिनका फेफड़ा संक्रमण की चपेट में आ जाता है. वैसे मरीजों को खांसी व दम फूलने की शिकायत होती है. रोगी को गर्म पानी से गरारा व नियमित रूप से पीने में गर्म पानी का का ही सेवन करना चाहिये. मरीजों को अधिक से अधिक नींबू के सेवन की सलाह दी जाती है. साथ में ऑक्सीजन व बुखार का स्तर भी जांचते रहना चाहिये. ऑक्सीजन का स्तर 92 से कम होने तुरंत विशेष विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के साथ अस्पताल जाना चाहिये.

घरों में रखनी चाहिये जरूरी दवा का स्टॉक

उमस व तापमान की अधिकता वैसे ही कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है. ऐसे में कोरोना का खतरा भी मौजूद है. लिहाजा इस समय लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति खासतौर पर सतर्क व सजग रहने की जरूरत है. कुछ जरूरी दवा घरों में हमेशा रखना बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये जरूरी होता है. इसमें सीट्रिजिन, पारासिटामोल, विटामीन सी व डी की गोलियां, थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, बी कॉम्पलेक्स की गोलियां शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें