बेंगलुरु के बाहर सबसे बड़े जिले बेलागवी में 18 सीटें हैं. जिसमें भाजपा के 13 विधायक हैं और कांग्रेस के पांच. सत्ता में बने रहने के लिए, बीजेपी को बेलगावी जैसे जिलों में निर्णायक जनादेश की जरूरत है, क्योंकि यह राज्य के सबसे बड़े चुनावी क्षेत्र ओल्ड मैसूर बेल्ट के एक बड़े हिस्से पर नजर रखता है.
जैसा कि ओल्ड मैसूर वोक्कालिगा समुदाय के लिए कर्नाटक का मुख्य निवास स्थान है, बेलगावी में, कित्तूर कर्नाटक के कई हिस्सों की तरह, राजनीति काफी हद तक लिंगायत आकांक्षाओं के बारे में है.
इधर बीजेपी, मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीएस येदियुरप्पा पार्टी के पंचमसाली नेताओं के साथ जिले का दौरा कर रहे हैं. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने इस साल फरवरी में बेलगावी में रोड शो किया था, इस सप्ताह के अंत में एक रैली करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी यहां प्रचार करेंगे.
वहीं दूसरी ओर, चनम्मा सर्कल में कांग्रेस कार्यालय सुनसान दिखता है. सभी नेता ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जहां पंचमसली बड़ी संख्या में रहते हैं. कांग्रेस जिला अध्यक्ष जिलाध्यक्ष विनय नवलगट्टी ने बताया, “पंचमसली को 3ए में आरक्षण से कोई फायदा नहीं होता. किसान इस बात से चिढ़े हुए हैं कि बाढ़ और सूखे के दौरान मोदी बेलगावी का दौरा करने नहीं आए, इसके अलावा, पांच साल में बोम्मई ने 600 वादे किए लेकिन 50 से भी कम पूरे किए.”
आपको बताएं कि, पंचमसालियों को राज्य की 3बी सूची में आरक्षण आवंटित किया गया है, जो 3बी के भीतर उनका कोटा 5% तय करता है. पंचमसाली 2ए सूची में शामिल होना चाहते हैं, जहां बनजीगा लिंगायत हैं, क्योंकि यह उन्हें 15% आरक्षण की अनुमति देता है.