बोकार, रंजीत कुमार : बदलते समय में लोग आसानी से अस्थमा का शिकार हो रहे हैं. प्रदूषण सबसे बडा कारण है. अस्थमा के लिए उम्र सीमा भी जरूरी नहीं है. प्रदूषण के शिकार में आने वाला व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित हो जाता है. आज चिकित्सक के पास ओपीडी में आनेवाले 10 मरीज में चार मरीज अस्थमा की प्रभाव में हैं. घर से निकलने से घर वापसी तक हर व्यक्ति धूल एवं धुंआ के प्रभाव में होता है. अस्थमा श्वांस नली के साथ फेफड़ों को खास रूप से प्रभावित करता है. अस्थमा आजकल केवल बुर्जुगों और व्यस्कों में ही नहीं, बल्कि युवा एवं बच्चों में भी मिल रहा है. यह बातें विश्व अस्थमा दिवस पर प्रभात खबर से मंगलवार को विशेष बातचीत करते हुए जनरल फिजिशियन डॉ अनन्या प्रसाद ने को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित कार्यालय में कही.
अस्थमा में श्वास नलियों में आता है सूजन
डॉ प्रसाद ने कहा कि अस्थमा फेफड़ों की एक बीमारी है. इसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है. अस्थमा होने पर श्वास नलियों में सूजन आ जाती है. इससे श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है. रोगी को सांस लेने में परेशानी, सांस लेते समय आवाज आना, सीने में जकड़न, खांसी आदि समस्याएं होने लगती हैं. लक्षणों के आधार अस्थमा मुख्यत: बाहरी व आंतरिक होते है. बाहरी अस्थमा बाहरी एलर्जी व आंतरिक अस्थमा कुछ रासायनिक तत्वों के कारण शुरू होता है.
अस्थमा के लक्षण व अस्थमा के प्रकार
जनरल फिजिशियन ने कहा कि अस्थमा के लक्षणों में बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी, सीने में जकड़न जैसा महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, रात या सुबह में स्थिति गंभीर होना, ठंडी हवा में सांस लेने से परेशानी, व्यायाम के दौरान स्वास्थ्य ज्यादा खराब होना, जोर-जोर से सांस लेने पर थकान महसूस होने की समस्या होती है. अस्थमा कई प्रकार के होते है. इसमें एलर्जिक, नॉनएलर्जिक, मिक्सड, एक्सरसाइज इनड्यूस, कफ वेरिएंट, ऑक्यूपेशनल, नाइट टाइम, मिमिक, चाइल्ड ऑनसेट, एडल्ट ऑनसेट शामिल है. जो विभिन्न आयु वर्ग व मौसम के अनुसार शुरू होते है.
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अस्थमा का सबसे बडा कारण प्रदूषण
अस्थमा का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है. कल कारखानों व वाहनों से निकलने वाले धूआं अस्थमा का कारण बन रहा हैं. सर्दी, फ्लू, धूम्रपान, मौसम में बदलाव के कारण भी लोग अस्थमा के प्रभाव में आ रहे है. कुछ एलर्जी वाले फल के कारण भी सांस संबंधी बीमारियां होती हैं. पेट में अम्ल की मात्रा अधिक होने से भी अस्थमा हो सकता है. दवाईयों का लगातार उपयोग, शराब का सेवन व कई बार भावनात्मक तनाव भी अस्थमा का कारण बनते हैं. कई लोगों में अस्थमा आनुवांशिक होता है.