नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने मंगलवार को नक्सली समर्थकों के खिलाफ झारखंड के पांच शहरों और बिहार के तीन शहरों में छापेमारी की. दोनों राज्यों के कुल 14 ठिकानों पर हुई छापेमारी में कई मोबाइल फोन, संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस मिले हैं. झारखंड के रांची, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह और रामगढ़ में छापेमारी हुई. जबकि, बिहार के खगड़िया, गया और औरंगाबाद के छह ठिकानों पर छापामारी की गयी.
रांची के मोरहाबादी सरायटांड़ स्थित विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के ऑफिस की भी जांच की गयी. जबकि बोकारो में चार स्थानों में छापेमारी हुई. पहली छापेमारी बोकारो थर्मल निशन हाट स्थित मजदूर संगठन समिति के केंद्रीय महासचिव बच्चा सिंह के आवास (एचएमडी-50डी) व नागेश्वर महतो के आवास (एचएमडी-36ए) सहित निशन हाट झोपड़पट्टी स्थित संजय तुरी के घर पर मंगलवार सुबह 5:00 बजे हुई.
बच्चा सिंह के आवास की तलाशी के दौरान उनका मोबाइल फोन, यूनियन के बैनर, पोस्टर आदि जब्त किये गये. एनआइए की दूसरी टीम समिति के ही सदस्य नागेश्वर महतो के आवास में ताला लगा होने के कारण दो घंटे तक इंतजार करती रही. उनके नहीं आने पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में घर का ताला तोड़ जांच की गयी. एनआइए की टीम ने नागेश्वर महतो के आवास से उनकी पत्नी और बेटी के दो बैंक पासबुक और पंपलेट, डायरी एवं कागजात जब्त किये.
तीसरी टीम यूनियन के स्थानीय शाखा कोषाध्यक्ष संजय तुरी के आवास पर छापेमारी की. उनके घर से एक मोबाइल फोन, पंपलेट, झंडा और कागजात जब्त किये गये. चौथी टीम ने महुआटांड़ के अइयर निवासी अनिल हांसदा के घर पर भी छापेमारी की.
भाकपा माओवादियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास : एनआइए के अधिकारियों के अनुसार, भाकपा माओवादी के समर्थक और ग्राउंड वर्कर इन दिनों फिर से माओवादियों के विचार को फैलाने और पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी के कारण छापेमारी की गयी थी. जिन संदिग्ध लोगों के घर की तलाशी भी ली गयी, उनके बारे में इस बात के संकेत मिले हैं कि वे नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर और सेंट्रल कमेटी सदस्य से जुड़े हैं.