Astro tips: भारत कई मान्यताओं का देश है. ये मान्यतांए कुछ तर्क पर आधारित हैं, तो कुछ हमारे डर पर आधारित हैं. कई बार कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें अशुभ माना जाता है. भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में 3 को सबसे अशुभ अंक माना जाता है. इसी कॉन्सेप्ट पर चलते हुए जब 3 की गिनती में भोजन परोसने की बात आती है तो इसका सेवन करने वाले व्यक्ति पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि ज्यादातर समय जब हम चपाती परोस रहे होते हैं, तो यह या तो 2 के गुणक में या सिर्फ 1 के गुणक में होती है. आपने भी देखा होगा कि किसी भी घर या रेस्टोरेंट में कभी भी एक प्लेट में तीन रोटियां एक साथ नहीं परोसी जाती हैं. इसलिए यह जानना जरूरी है कि एक थाली में तीन रोटियां एक साथ क्यों नहीं रखी जाती हैं. जानें इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मृत व्यक्ति को एक साथ तीन रोटियां चढ़ाई जाती हैं. मृतक के त्रयोदशी संस्कार से पहले भोजन की थाली में तीन रोटियां एक साथ रखने की प्रथा है. इसलिए थाली में तीन रोटी रखना अशुभ माना जाता है. इसलिए किसी भी जीवित व्यक्ति को तीन रोटी नहीं खिलानी चाहिए.
अंक 3 सिद्धांत के संबंध में एक और मान्यता है कि जब कोई भी भोजन अंक 3 में परोसा जाता है तो यह उसे परोसने वाले के प्रति शत्रुता की भावना को भड़काता है और अनुचित झगड़े का कारण बन सकता है.
Also Read: Chandra Grahan 2023 Date and Time: साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में कब दिखेगा, कब समाप्त होगा, सूतक का समय ?
एक साथ 3 चपाती खाने से किसी भी व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है और इस प्रकार कहा जाता है कि एक कटोरी चावल, दाल, सब्जियां और कुछ सलाद के साथ परोसी जाने वाली 2 चपातियों से अधिक नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे भरपेट भोजन माना जाता है.