Best Retirement Scheme: सरकारी हो या फिर प्राइवेट नौकरी, कर्मचारियों की सबसे बड़ी चिंता रिटायरमेंट को लेकर ही होती है. रिटायरमेंट के बाद हर महीने अगर आपको एकमुश्त पैसा मिलता रहे तो जिंदगी आराम से बीत जाती है. इसी के मद्देनजर नौकरी करने के साथ ही पेंशन का इंतजाम करना जरूरी है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ स्कीमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें निवेश करना आपके लिए बेहतर विकल्प बन सकता है.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) जोखिम से मुक्त निवेशकों के लिए सबसे अच्छा लॉन्ग टर्म निवेश है क्योंकि यह टैक्स मुक्त रिटर्न की गारंटी देता है. पीपीएफ ब्याज दर हर साल सरकार द्वारा तय की जाती है. यह अकाउंट 15 वर्षों में परिपक्व होता है, लेकिन कोई व्यक्ति 15 वर्ष की प्रारंभिक परिपक्वता के बाद कई बार पांच साल के ब्लॉक द्वारा खाते का विस्तार कर सकता है. अगर आप पीपीएफ में हर महीने एक हजार रुपये का निवेश करते हैं तो 15 साल बाद आप 1.80 लाख रुपये की निवेश राशि की तुलना में 3.25 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
यह योजना रिटायरमेंट के बाद आपको गारंटेड पेंशन मुहैया कराती है. इस योजना के तहत निवेश करते आप 50,000 रुपये महीने तक पेंशन पा सकते हैं. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे अधिक पसंदीदा निवेश ऑप्शन है. ये स्कीम सीधे तौर पर सरकार से जुड़ी है और इस स्कीम में आप हर महीने 6000 रुपये निवेश कर 60 साल की उम्र के बाद 50000 रुपये की पेंशन पा सकते हैं. एनपीएस में निवेशक को 80सी के तहत छूट के साथ ही 80 सीसीडी के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक तक की इनकम टैक्स छूट भी मिलती है.
एनपीएस रिटायरमेंट के लिए बचत करने का सबसे अच्छा तरीका है. इसमें 18 से 70 वर्ष के कामगारों से अंशदान एकत्र किया जाता है. अंशदान पर सेक्शन 80CCD (1) के तहत टैक्स डिडक्शन भी मिलता है और आप अपने एनपीएस अकाउंट में अंशदान के जरिए 1.5 लाख रुपए की डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, 80 CCD (1B) के तहत आप अतिरिक्त 50,000 रुपए की अतिरिक्त डिडक्शन भी प्राप्त कर सकते हैं. इस तरह से, आप इस विकल्प के जरिए 2 लाख रुपए तक की डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं.
एनएससी की तरह आप डाकघर में किसान विकास पत्र (केवीपी) खरीद सकते हैं. 7.5 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर पर केवीपी जमा 115 महीनों में दोगुना हो जाएगा. हालांकि, केवीपी में निवेश के लिए कोई कर प्रोत्साहन नहीं है.
स्व-नियोजित व्यक्ति भी डाकघर में सावधि जमा और आवर्ती जमा खाते खोल सकते हैं. 5 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है, लेकिन पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है.
आप बैंक में सावधि जमा खाते भी खोल सकते हैं. 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी धारा 80सी के तहत कटौती के लिए योग्य है. फिलहाल, कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स पर 9 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा एकल बैंक में 5 लाख रुपये तक के FD निवेश का बीमा किया जाता है.
स्व-नियोजित व्यक्ति सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs), आरबीआई बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड और कंपनी डिपॉजिट में भी निवेश कर सकते हैं. G-Secs स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं, लेकिन वे आम तौर पर कम ब्याज दरों की पेशकश करते हैं. G-Secs पर ब्याज टीडीएस के अधीन नहीं है, लेकिन पूरी तरह से कर योग्य है.
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