लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (ADGP ) विशेष कार्य बल (UP STF) अमिताभ यश ने गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर को पुलिस की बड़ी उपलब्धि बतायी है. एडीजीपी ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया कि दुजाना का मारा जाना कितना जरूरी था. एडीजीपी अमिताभ यश ने कहा कि जिस प्रकार से अनिल दुजाना ऑटोमैटिक हथियारों से घटनाओं का अंजाम देता था, उसकी वजह से इसका खौफ था.
गैंगस्टर दुजाना जेल के अंदर से भी अपने गैंग को संचालित करता था. उस पर एसटीएफ द्वारा काफी समय से नज़र रखी जा रही थी .अनिल दुजाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दहशत का पर्याय बना हुआ था. कई आपराधिक माफिया से इसके संपर्क होने से इसके वारदात का दायरा बड़ा था. जेल से बाहर आने पर गवाहों को धमकी दे रहा था. पुलिस कई गवाहों को सुरक्षा भी उपलब्ध करायी थी.
एडीजीपी अमिताभ यश ने बताया कि अनिल दुजाना का 21 साल का आपराधिक इतिहास था. इसके ऊपर 65 से ऊपर मुकदमे दर्ज थे. इनमें 18 मामले हत्या के हैं. यह हत्या उसने सुपारी लेकर की थीं. कुछ हत्या बदले की भावना से की गयी थीं. दुजाना पर काफ़ी बड़ी संख्या में असलहे रहते थे. कई गैंग के साथ इसका वसूली का दायरा बड़ा था. जेल से आते ही गवाहों में दहशत हो गयी थी.
गैंगस्टर अनिल दुजाना बुधवार को कोई बड़ी घटना को अंजाम देने जा रहा था, क्योंकि इसके पास से एडवांस वेपन बरामद हुये.शाइस्ता परवीन , बमबाज गुड्डू की अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने पर भी एडीजी ने सफाई दी है. अमिताभ यश का कहना था कि शाइस्ता की तलाश में जनपदीय पुलिस लगातार काम कर रही है. प्रयाग के आसपास इलाको में दबिश दी जा रही है . गुड्डू और शाइस्ता जल्द पुलिस की पकड़ में होंगे.
यूपी एसटीएफ़ के एडीजी अमिताभ यश ने मुठभेड़ के बाद कहा था कि “वांछित अपराधी अनिल दुजाना को हमारी टीम ने गुरुवार दोपहर मेरठ के एक गांव में घेरा. दुजाना ने भागने के इरादे से हमारी टीम पर गोली चलाई और जवाबी फ़ायरिंग में वो मारा गया.” पश्चिमी यूपी के बड़े गैंगस्टरों में से एक माना जाने वाला अनिल दुजाना हफ़्ते भर पहले ही जेल से बाहर आया था.