Indian Railways News : ट्रेन में बढ़ रही हिंसक घटनाएं और दुर्व्यवहार को रोकने के लिए रेलवे लगातार प्रयासरत है. इस क्रम में भारतीय रेलवे की ओर से एक नया कदम उठाया गया है. जानकारी के अनुसार टिकट जांच की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और चलती ट्रेन में हिंसक एवं गलत व्यवहार को रोकने के उद्देश्य से रेलवे के टिकट निरीक्षकों को ‘बॉडी कैमरा’ मुहैया कराये जा रहे हैं. अधिकारियों की ओर से ये जानकारी दी गयी है.
खबरों की मानें तो पायलट परियोजना के रूप में मध्य रेलवे ने ऐसे 50 ‘बॉडी कैमरा’ खरीदे हैं और मुंबई संभाग के टिकट निरीक्षकों को इनका उपयोग करने को कहा है. ये कैमरे 9,000 रुपये प्रति कैमरा की दर से खरीदे गये हैं और इनमें करीब 20 घंटे की फुटेज रिकॉर्ड की जा सकती है.
मुंबई में चलाई जा रही पायलट परियोजना सफल
इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि यदि मुंबई में चलाई जा रही पायलट परियोजना सफल रहती है तो इसे पूरे रेलवे नेटवर्क में लागू किया जाएगा. बॉडी कैमरा सबसे पहले 2005 में ब्रिटेन की पुलिस ने पहनना शुरू किया था और उसके बाद दुनिया भर में पुलिस तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इसका उपयोग शुरू किया. भारत में भी कई पुलिस बल इसका उपयोग करते हैं.
मध्य रेलवे की ओर से क्या कहा गया
मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने इस बाबत जानकारी दी और कहा कि बॉडी कैमरे टिकट जांच के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे और हिंसक तथा गलत व्यवहार पर लगाम लगाएंगे. इससे शिकायत मिलने की स्थिति में टिकट जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता का पता लगाने में भी मदद मिलेगी.
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर ट्रेन के अंदर के कई वीडियो वायरल होते हैं जिसमें हिंसक तथा गलत व्यवहार होता नजर आता है. इनपर ही रोक लगाने के लिए रेलवे की ओर से यह कदम उठाया गया है.
भाषा इनपुट के साथ
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