बंदगांव, अनिल तिवारी : पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव का ऐतिहासिक मंडा पर्व आपार श्रद्धा व विश्वास के साथ शनिवार को संपन्न हो गया. जिसके समापन समारोह में मुख्य अतिथि पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ विजय सिंह गागराई थे. स्थानीय महादेव मंडा शिवालय परिसर में विशाल मंडा मेला का आयोजन किया गया. मंडा मेला में मंडा पर्व के अंतिम अनुष्ठान झूलन एवं अग्नि परीक्षा में सभी 51 उपासक भगतियों ने भाग लिया. भगतियों को बीस फीट की उंचाई में बल्ले के सहारे झूलते हुए देखने के लिए सैकड़ों लोगो की भीड़ उमड़ी.
भोक्ता और पुरोहित ने मंडा पर्व में प्रवेश लिए सभी भगतियों को बारी बारी से झूलाया, जो मेला आकर्षण का केंद्र था. यह अनुष्ठान दो से ढाई घंटे तक चली. इससे पूर्व शुबह में 8 बजे सभी भगतिया बंदगांव घाट तालाब मे एकत्रित होकर पाट एवं बनस पूजा की. इसके बाद सभी भगतिया मेला परिसर पहुंच कर झूलन अनुष्ठान में भाग लिया. जगह-जगह मोहल्ले के लोगों ने भगतियों का स्वागत किया और भक्तों के बीच शरबत व चना का वितरण किया. इसमें मुहल्ले के कई लोगों ने सहयोग किया. इससे पूर्व शुबह में 51 भक्तों ने आग पर चलकर अपनी भक्ति की शक्ति दिखाई.
शुक्रवार की रात जागरण किया गया. पूरी रात मेला परिसर मे छऊ नित्य कार्यक्रम आयोजित की गयी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि यह त्योहार भक्ति एवं आस्था का त्योहार है. यहां भक्तों द्वारा भगवान की विशेष पूजा कर अपनी भक्ति की शक्ति को दिखाता है. आग पर चलना एवं झुलन कार्यक्रम में भोक्ताओं द्वारा जो साहसिक कार्य किया गया, वह काफी सराहनीय है. भगवान उन सभी लोगों की मांग को जरूर पूरा करेगा. उन्होंने कहा ऐसा कार्यक्रम होने से लोगों में धर्म के प्रति और विश्वास की भावना जागती है.
उन्होंने कहा अगर मनुष्य चाहै तो अपनी भक्ति व साधना से सभी मुश्किल चीजों को आसान कर अपनी तमन्ना को जरूर पूरा कर सकता है. यह त्योहार हमें यह सिखाती है कि हम सभी लोगों को भगवान एवं ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास रखनी चाहिए. उन्होंने कहा इस तरह के कार्यक्रम में जहां तक संभव होगा मैं अवश्य मदद करूंगा. इस बीच मेला आये ग्रामीणों ने विभिन्न खेल तमाशा व झूले का जमकर लुत्फ उठाया और खरीददारी की. ग्रामीणों विशेष कर बच्चों मे मेला के प्रति काफी उत्साह देखा गया.
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कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से संरक्षक रमेश सिंह, अध्यक्ष पारसनाथ सिंह, उपाध्यक्ष नंदू मुंडरी, सचिव विवेक सिंह विक्की, लक्ष्मी नारायण सिंहदेव, रासबिहारी सिंह मुंडा, जगरनाथ मुंडरी, बुधवा मुंडा, राजेन्द्र मछुआ, अनूप सिंह का अहम योगदान रहा. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.