पटना शहर में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एसएसपी ने थानेदारों को नये दिशा-निर्देश दिये हैं. उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि हर महीने थाना क्षेत्र में होने वाली पहली हत्या, लूट, डकैती व अन्य गंभीर कांडों के आइओ थानेदार बनेंगे. गंभीरता से जांच करेंगे और अपराधियों को पकड़ कर जल्द से जल्द चार्जशीट सौंपेंगे. इसके अलावा थानेदारों को अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे अपराधियों की सूची भी बनाने को कहा गया है जो अंतर जिला अपराधी हैं. ऐसे अपराधी अगर पटना के बाहर भी अपराध करते हैं, तो संबंधित थानेदार को जवाब तलब किया जायेगा. सरकारी और निजी बैकों की सुरक्षा को लेकर भी कई निर्देश दिये गये हैं.
थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वे महीने में दो बार बैंकों में लगे सुरक्षा उपकरणों या संसाधनों की जांच करेंगे. वैसे अपराधी जो प्रतिवेदन-2 निकलने के बाद भी फरार चल रहे हैं, उसकी थानावार सूची तैयार की जा रही है. सभी सिटी एसपी को निर्देश दिया गया है कि दो सालों के भीतर हुए वैसे कांड, जिनका उद्भेदन नहीं हुआ है, उनकी सूची बनाकर फरार चल रहे आरोपितों को गिरफ्तार करें. ऐसे आरोपितों के विरुद्ध हर हफ्ते विशेष छापेमारी अभियान चलेगा, जिसका नेतृत्व संबंधित एएसपी और एसपी करेंगे.
जेल में मिलने वाले मुलाकातियों पर भी थानेदारों को नजर रखनी पड़ेगी. एसएसपी राजीव मिश्रा ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि थानेदार अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेज देते हैं. वह कब जेल से बाहर आया या फिर उससे कौन-कौन मिलने आया इस पर कोई नजर नहीं रखी जाती है. अब ऐसा नहीं चलेगा. अगर जेल से निकलने के बाद दोबारा उसी अपराधी ने कोई कांड किया, तो उसकी जवाबदेही थानेदार की होगी. अब उस पर नजर रखने को भी कहा गया है. थानेदार जिन्हें जेल भेजेंगे, उससे मिलने कौन-कौन जेल पहुंच रहा है. इसकी सूची जेल अधिकारियों से लेंगे. साथ ही मिलने वालों का सत्यापन भी किया जायेगा. वहीं गंभीर कांडों के आरोपित अगर जेल से छूटते हैं, तो 24 घंटे के अंदर चक्रा एप पर अपडेट करना होगा.
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किसी भी प्रकार के जुलूस में डीजे बजाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जुलूस में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाते हुए एसएसपी ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिया है. इतना ही नहीं जुलूस और आयोजनों में बजने वाले गानों पर भी पुलिस की नजर रहेगी. किसी प्रकार में जुलूस में धार्मिक, जातीय भावनाओं को भड़काने वाला या अश्लील गाने बजेंगे, तो आयोजकों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही डीजे को जब्त कर लिया जायेगा. ऐसे जुलूस में बजने वाले गानों को पहले थानेदार स्वयं सुनेंगे. थानेदार यह तय करेंगे कि इससे किसी की भावना आहत तो नहीं हो रही है.