रांची, अभिषेक रॉय. मानगो, जमशेदपुर के मो वकास मौशिनी अपने स्टार्टअप ‘द-वाला’ के जरिये रिटेल चेन को तकनीकी सुविधा मुहैया करा रहे हैं. बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) मॉडल पर संचालित यह स्टार्टअप छोटे से लेकर बड़े रिटेल चेन तक को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है. इससे दुकान या मॉल में शॉपिंग करने पहुंचे ग्राहकों को अब बिलिंग काउंटर की कतार से मुक्ति मिलने लगी है. लोग द-वाला के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) युक्त ऐप के जिरये किसी भी सामान के प्राइस टैग में लगे बारकोड को स्कैन कर आसानी से पेमेंट कर रहे हैं. इससे ग्राहकों का समय बच रहा. वकास का स्टार्टअप रिटेल चेन के संचालक, जो तकनीक के जानकारी नहीं हैं, को भी सेल्फ मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ रहा है. इससे आनेवाले दिनों में रिटेल स्टोर का बिलिंग काउंटर फ्लोर स्पेस में बदल सकेगा. द-वाला ऐप जमशेदपुर समेत राज्य के कई अन्य जिले में अपनाया जा रहा है. जल्द ही इस स्टार्टअप को भुवनेश्वर और विदेश में लांच करने की तैयारी है.
स्कैन एंड गो फीचर का लाभ
द-वाला ऐप की खासियत उसकी एआइ आधारित ‘स्कैन एंड गो’ फीचर है. इसके तहत ग्राहक को रिटेल स्टोर पहुंचने पर क्यूआर कोड दिया जायेगा. स्कैन करने पर ग्राहक स्टोर की ई-कॉमर्स वेबसाइट से जुड़ जायेंगे. इससे स्टोर का फिजिकली और वर्चुअल एक्सपीरियंस लिया जा सकेगा. मर्जी के सामान को चुनकर बार कोड स्कैन करने पर, वह शॉपिंग कार्ट में शामिल हो जायेगा. इस कार्ट में अनगिनत सामान की खरीदारी आसानी से हो सकेगी. खरीदारी पूरी होने पर ग्राहक पेमेंट गेटवे से जुड़ स्टोर के ऑफर का लाभ उठाते हुए पेमेंट कर सकेंगे. संचालक वेबसाइट के जरिये रोजाना ऑफर बदल भी सकेंगे. इसके अलावा रिटेल स्टोर को वेट सेंसर से लैस किया जा रहा है. इससे बिलिंग किये गये सामान से ज्यादा वजन को लेकर बाहर निकलना मुश्किल होगा.
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खुद की समस्या से तैयार किया आइडिया
एनआइटी सूरत से इंजीनियरिंग कर चुके वकास को एक समय छोटे सामान की बिलिंग के लिए 20 मिनट कतार में खड़ा होना पड़ा था. इसके बाद से ही वे रिटेल स्टोर की इस समस्या को खत्म करे में जुट गये. जल्द ही तकनीक विकसित कर ली. आइडिया के साथ 2019 में झारखंड स्टार्टअप चैलेंज से जुड़े. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के ‘चुनौती 3.0’ चैलेंज में चुने गये. इससे जून 2022 में साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपीआइ) भिलाई से इनक्यूबेशन मिला. 10 लाख रुपये की वैल्यू से शुरू हुई स्टार्टअप कंपनी अब मल्टी मिलियन बिजनेस कर रही है.