गोरखपुर. दक्षिणांचल इलाके बड़हलगंज के चिल्लूपार क्षेत्र में लोगों की दरियादिली का मामला सामने आया है. लोगों ने पंचायत बैठाकर एक महिला की और उसके पंसद के व्यक्ति के साथ मंदिर में शादी करा दी. पहले पति से महिला को 10 बच्चे हैं. बड़हलगंज की रहने वाली महिला सोना देवी के पति की 6 वर्ष पहले मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद वह 10 बच्चों के साथ किसी तरह गुजर बसर कर रही थी. पति की मौत के बाद कईल गांव के रहने वाले बालेंद्र उर्फ बलई यादव से नजदीकी हो गयी.
अविवाहित बालेंद्र के साथ सोना देवी के रिश्ते की चर्चा होने लगी. गांव के कुछ लोगों ने ऐतराज जताया तो दोनों गांव छोड़कर चले गये. एक साल बाद सोना देवी बालेन्द्र के साथ अपने बच्चों से मिलने पहुंची. उसके आने की खबर जैसे ही गांव के लोगों को हुई वह एकत्रित हो गये. आनन-फानन में एक पंचायत बुला ली गयी. पंच परमेश्वर चुन लिए गऐ. पंचों को दोनों के रिश्ते को लेकर फैसला देना था. सोना देवी ने पंचायत में बालेंद्र से अपने रिश्ते की बात स्वीकार कर उसके साथ रहने की इच्छा प्रकट की. पंचायत ने उसके बच्चों की राय जानी.
सभी की रायशुमारी के बाद पंचों ने फैसला दिया. सोना देवी – बालेन्द्र को गांव के ही मंदिर के पास ले जाया गया. मंदिर में उनकी शादी करायी गयी. पूरी पंचायत इसकी गवाह बनी. दोनों को ग्रामीणों ने विदा किया.लेकिन इससे पहले गांव के गुरुकुल पीजी कॉलेज के प्रबंधक जयप्रकाश शाही ने विवाहित जोड़ों को मौके पर ही कालेज में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दे दिया. गुरुकुल संस्थान समूह के आवासीय परिसर में दोनों को आवास देने की घोषणा भी कर दी.
प्रबंधक जयप्रकाश शाही का कहना है कि महिला बेघर थी उसे घर देना जरूरी था. दोनों के बीच 5 साल से संबंध था. एक साल से दोनो गांव छोड़कर चल रहे थे. दोनों की वापसी पर पंचायत ने शादी का फैसला लिया था. मंदिर में ग्रामीणों की मौजूदगी में दोनों की शादी करा दी गई है. इसके साथ ही अनाथ बच्चों को पिता का सहारा मिल गया. उन्होंने कहा कि अभी महिलाओं को सरकार से मिली मूलभूत सुविधाओं को भी दिलाया जाएगा.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप