वाशिंगटन : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित के डोभाल अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से रविवार को सऊदी अरब में मुलाकात की. व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने रविवार को सऊदी अरब में अपने भारतीय समकक्ष अजीत के डोभाल के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि दोनों नेता इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर फिर से मुलाकात करेंगे. जनवरी में यहां महत्वाकांक्षी ‘इंडिया यूएस आईसीईटी (इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी)’ संवाद शुरू करने के बाद डोभाल और सुलिवन के बीच यह पहली बैठक है. सुलिवन फिलहाल सऊदी अरब की यात्रा पर हैं.
व्हाइट हाउस ने रविवार को बैठक का ब्योरा बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत एवं दुनिया के साथ जुड़े हुए समृद्ध एवं अधिक सुरक्षित पश्चिम एशिया के साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के मद्देनजर सऊदी अरब में सात मई को सऊदी के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहनून बिन जायद अल नहयान और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. व्हाइट हाउस ने कहा कि सुलिवन ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा करने के लिए क्राउन प्रिंस, शेख तहनून और डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. वह इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर डोभाल के साथ और विचार विमर्श करने को आशान्वित हैं.
व्हाइट हाउस ने कहा कि सुलिवन ने सूडान से अमेरिकी नागरिकों को निकालने में सऊदी अरब के सहयोग के लिए क्राउन प्रिंस को धन्यवाद दिया. चारों प्रतिनिधि नियमित रूप से विचार विमर्श करते रहने और दिन भर हुई चर्चा में शामिल मुद्दों पर आगे की कार्रवाई करने पर सहमत हुए. सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने जेक सुलिवन और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच जेद्दा में बैठक की पुष्टि की. सरकारी समाचार एजेंसी की खबर में केवल इतना कहा गया है कि दोनों नेताओं ने बैठक में रणनीतिक संबंधों की समीक्षा की, जिसमें अन्य अमेरिकी अधिकारी शामिल थे.
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इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के स्तंभकार जमाल खशोगी की 2018 में हत्या के बाद अपने चुनाव प्रचार अभियान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब को अलग-थलग करने का संकल्प लिया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह हत्या क्राउन प्रिंस के आदेश पर हुई, लेकिन सऊदी अरब इससे इनकार करता है. हालांकि, बाइडन ने पिछले साल जुलाई में सऊदी अरब की यात्रा कर यूक्रेन पर रूस के युद्ध जारी रहने के मद्देनजर ऊर्जा जरूरतों पर देश से सहायता मांगी थी.