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झारखंड : अवैध निर्माण की फाइलें खुलनी शुरू, नक्शा विचलन कर बने 538 भवनों पर कार्रवाई करेगी JNAC

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में हड़कंप दिखा. अब 2011 से 2022 तक नक्शा विचलन कर बने 538 भवनों पर कार्रवाई होगी. जी प्लस टू उपर और बेसमेंट इस कार्रवाई की जद में होंगे.

जमशेदपुर लीज एरिया में नक्शा विचलन के मामलों की फाइलें खुलनी शुरू हो गयी हैं. 2011 से लेकर 2022 तक नक्शा विचलन के 538 मामलों पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. 538 भवनों में नक्शा के विपरीत निर्माण, जी प्लस टू से अधिक का निर्माण, बेसमेंट में पार्किंग की जगह रिहायश, दुकान, बैंक, ट्यूशन क्लास समेत अन्य कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं.

2011 में हाइकोर्ट ने पारित किए थे नक्शा विचलन के 64 से अधिक आदेश

2011 में ही 46 भवनों के खिलाफ हाइकोर्ट ने कार्रवाई का जमशेदपुर अक्षेस को आदेश दिया था. इसके अलावा उसी वर्ष 64 से अधिक आदेश नक्शा विचलन के मामले में हाइकोर्ट ने पारित किये थे. इन सभी मामलों पर जमशेदपुर के पूर्ववर्ती विशेष पदाधिकारियों ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. हाइकोर्ट को अपने जवाब में सिर्फ यह बताने का काम किया कि जुर्माना वसूला जा रहा है, कार्रवाई की जा रही है. कई बिल्डिंगों को जुर्माना वसूल कर रेगुलाइज करने का निर्देश भी जमशेदपुर अक्षेस द्वारा दिया गया.

जेएनएसी को रेगुलाइज करने का अधिकार नहीं

हाइकोर्ट में मामले के पक्षकार अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि जमशेदपुर अक्षेस को यह अधिकार ही नहीं है कि वह किसी भवन को रेगुलाइज कर दे. आदेश में साफ कहा गया कि नक्शा विचलन करनेवाले भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की जानी चाहिए.

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2011 से अब तक धड़ल्ले से हुआ अवैध निर्माण

शहर में नक्शा उल्लंघन कर बने भवनों पर हाइकोर्ट के आदेश के बाद 2011 में सील 46 भवनों के खिलाफ जमशेदपुर अक्षेस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन साल 2011 के बाद अब तक बने अवैध निर्माण किए भवनों के खिलाफ करवाई कब होगी, इस पर अभी चुप्पी साध ली है. साल 2011 से लेकर 2023 के बीच शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हुआ है. भवनों में पार्किंग का कोई स्थान नहीं छोड़ा गया. सड़क पर ही पार्किंग कराई जा रही है. बेसमेंट के पार्किंग एरिया का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है.

कार्रवाई के नाम पर हाल के वर्षों में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने भवनों को सील कर दिया जाता रहा है. अवैध निर्माण के नाम पर उपायुक्त के आदेश के बाद जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी ने भवनों का बिजली पानी का कनेक्शन काटा, लेकिन भवनों का निर्माण जारी रहा, इस पर ध्यान नहीं दिया.

जिला प्रशासन की लापरवाही माने या अफसरों की मिलीभगत नक्शा विचलन के मामले में निकायों के अधिकारी नोटिस भेजते रहे. साल 2016 से लेकर अब तक जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के पास नक्शा पास करने के लिए 866 आवेदन आए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने 657 भवनों का नक्शा ही स्वीकृत किया जबकि 147 नक्शा अस्वीकृत कर दिया गया, जबकि इससे ज्यादा भवन शहर में बने हैं.

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