22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Manipur Violence पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- विस्थापितों का क्या होगा, उन्हें घर वापस लाओ, मांगी रिपोर्ट

आदिवासी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आदिवासियों पर हमले हो सकते हैं. इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट स्थिति को स्थिर करना चाहता है.

Manipur violence : हिंसा प्रभावित मणिपुर में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. सोमवार को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गयी. इस दौरान इंफाल में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए अपने घरों से निकले. इधर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया गया. हिंसा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखायी और केंद्र और मणिपुर सरकार को प्रभावित लोगों की सुरक्षा बढ़ाने, राहत प्रदान करने तथा उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाने को के लिए कहा. सुनवाई के दौरान आदिवासी संगठन की ओर से आशंका जतायी गयी है कि आदिवासियों पर हमले हो सकते हैं. अब इस मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई की तारीख तय की है.

आदिवासी संगठन ने हमले की जतायी आशंका

आदिवासी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आदिवासियों पर हमले हो सकते हैं. इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट स्थिति को स्थिर करना चाहता है.

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा

हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. केंद्र और मणिपुर सरकार ने राज्य में हिंसा से निपटने के लिए उठाये गये कदमों से अवगत कराते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बीते दो दिनों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. इधर सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केवल कुछ धार्मिक स्थलों को ही नहीं बल्कि हर जगह लोगों और संपत्ति की रक्षा करनी होगी. सॉलिसिटर जनरल ने कहा, शांति बैठक हो चुकी है और लगातार चौकसी बरती जा रही है, सतर्कता के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया है कि याचिकाकर्ताओं द्वारा बताई गई चिंताओं को दूर किया जाएगा और सक्रिय आधार पर उपचारात्मक उपाय किए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने विस्थापितों के पुनर्वास और सुरक्षा पर ध्यान देने का दिया आदेश

मणिपुर हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहत शिविरों में भोजन, चिकित्सा की उचित व्यवस्था करने पर जोर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया. उपासना स्थलों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाने का आदेश दिया.

क्या है मौजूदा स्थिति

मणिपुर में मौजूदा स्थिति के बारे में सरकार ने बताया कि कर्फ्यू में ढील दी गयी है. इस दौरान सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी गई. पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया.

मणिपुर से अबतक कुल 23 हजार लोगों को बाहर निकाला गया

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में जारी हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23,000 लोगों को अभी तक निकाला गया है और इन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है.

मणिपुर में हिंसा की क्या है वजह

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी. इस हिंसा में कम से कम 54 लोगों की जान चली गई.

मणिपुर में मेइती समुदाय की क्या है स्थिति

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें