गुजरातियों पर टिप्पणी वाले बयान को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को फिलहाल अहमदाबाद कोर्ट से राहत मिल गयी है. अदालत ने उन्हें फिलहाल उन्हें समन नहीं देने का फैसला किया है. कोर्ट अभी अपने स्तर पर इस मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इस मामले में केस दायर करने वाले परिवादी से सबूत की मांग की है तथा उन्हें गवाह को पेश करने का आदेश भी दिया गया है.
20 मई को होगी अगली सुनवाई
तेजस्वी यादव को अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के सामने पेश होने से फिलहाल छूट मिल गयी है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 मई को होगी. इस दिन शिकायतकर्ता द्वारा पेश किये गये सबूत और गवाहों की रोशनी में आगे की कार्रवाई मेट्रोपॉलिटन कोर्ट द्वारा की जायेगी.
नियम 202 के तहत जांच का आदेश
जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में एडिशिनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार ने सुनवाई की और फिर इंक्वायरी का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद नियम 202 के तहत जांच का आदेश दिया है. इसके तहत कोर्ट के इंक्वायरी ऑर्डर में मानहानि आरोपों की पुष्टि की जायेगी. इसके बाद कोर्ट इस केस में कोई फैसला लेगी.
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कोर्ट खारिज भी कर सकती है केस
पिछले महीने की 26 तारीख को अहमदाबाद में रहने वाले व्यापारी हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का केस दाखिल किया था. मेहता की मांग है कि इससे गुजरात के लोगों को तेजस्वी यादव की बातों से मानहानि हुई है. नियम 202 में जांच के बाद कोर्ट को लगता है कि शिकायताकर्ता ने जो तथ्य पेश किये हैं, वे सही है और जांच में मानहानि की पुष्टि होती है तो कोर्ट समन करती है. ऐसा नहीं होने पर कोर्ट मानहानि के केस को खारिज भी कर सकती है.