शुभम कुमार, पटना. एक तरफ पुलिस पब्लिक फ्रेंडली होने की बात करती है, तो दूसरी तरफ एक गुमशुदगी की रिपोर्ट के लिए पुलिस पूरे दिन परिजनों को घुमाती है. ऐसा ही एक मामला बुधवार को प्रकाश में आया है. गौरीचक थाना क्षेत्र के सैदपुर के रहने वाले 34 वर्षीय मनिकांत दुबे बीते मंगलवार से गायब हैं. वह शादी का कार्ड बांटने घर से निकले थे. मंगलवार की शाम पांच बजे से उनका मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया. जब देर रात नहीं लौटे, तो परिवार को चिंता होने लगी. काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिले.
बुधवार को जब जीजा की गुमशुदगी की खबर उनके साले राहुल को मिली, तो वह गौरीचक थाना आठ बजे पहुंच गये. उन्होंने जब जीजा की गुमशुदगी की बात बतायी, तो गौरीचक की पुलिस ने कहा कि अंतिम बार जहां से उन्होंने बात की वहां चले जाइए. उस इलाके के थाना क्षेत्र में आवेदन दीजिए.
राहुल ने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जब 11 बजे अगमुकआं थाना पहुंचे, तो वहां की पुलिस ने चार से पांच बार आवेदन लिखवाया. इसके बाद फोटो मांगा. फोटो देखने के बाद पुलिस ने कहा कि यह कोई बच्चा है, जो गुम हो गया. यह मामला बाइपास थाने का है. वहां चले जाओ. इसके बाद हम लोग भागे-भागे बाइपास थाना पहुंचे. वहां की पुलिस ने भी आवेदन देखा और कहा कि किसने कह दिया कि बाइपास थाने में मामला दर्ज होगा. जहां गये थे, वहां जाकर करवाइए.
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राहुल ने बताया कि देर शाम साढ़े छह बजे के करीब गुमशुदगी की रिपोर्ट लेने के लिए अगमकुआं थाने से फोन आया. पुलिस ने कहा कि आकर आवेदन लिखिए. राहुल ने बताया कि जान-पहचान के एक पुलिस पदाधिकारी को जब सारी बातें बतायीं, तो इसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया. इसके बाद पुलिस ने कॉल कर बुलाया.