Lucknow: देश में सबसे अधिक 20 हजार लोग अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में जान गंवाते हैं, जबकि पूरे देश में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या करीब डेढ़ लाख है. खास बात है कि यूपी में होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या अमेरिका जैसे देश से कुछ कम है. इन मौतों में बड़ी वजह अक्सर यातायात नियमों की अनदेखी होती है. कई बार लोग लापरवाही में तो कई बार ट्रैफिक नियमों से अनजान होने के कारण हादसों में जान गंवाते हैं. इन सबके मद्देनजर अब सरकार ने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के नियमों में बदलाव करने का निर्णय किया है.
इसके मुताबिक अब लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस आसानी से जारी नहीं किया जाएगा. बल्कि इसके लिए हर आवेदक को परीक्षा से गुजरना होगा. अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को दो घंटे की परीक्षा देनी होगी. आम परीक्षाओं में भले ही न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाने पर परीक्षार्थी को सफल घोषित कर दिया जाता हो. लेकिन, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उसे 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा. इससे कम अंक लाने वाले डीएल हासिल करने के हकदार नहीं होंगे.
बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय के सड़क सुरक्षा सेल के आदेश पर उत्तर प्रदेश में नया नियम तीन माह में लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके बाद नए नियमों के तहत ही लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकेगा.
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इसके साथ ही अब लर्निंग डीएल आवेदन पर प्रपत्रों की जांच और डीएल प्रक्रिया पूरी करने पर ऑटोमेटिक डीएल जारी हो जाएंगे. इसके लिए आरटीओ के चक्कर लगाने का झंझट खत्म हो जाएगा. अभी तक ये प्रक्रिया निजी कंपनी के हाथों में थी. इसके कर्मचारी इस काम को संभालते थे. अब इसे ऑटोमेटिक कर दिया गया है. इसके तहत आवेदन पर प्रपत्रों की स्कूटनी, परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर ऑटोमेटिक कम्प्यूटर मंजूरी दे देगा. इस तरह लर्निंग डीएल को लेकर काम तेजी से संभव हो सकेगा.
परिवहन निगम के मुताबिक चालकों को यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. इसके मद्देनजर भारत सरकार ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया और सख्त करने जा रही है. नए नियमों के मुताबिक अब लर्निंग डीएल आवेदकों को दो घंटे की परीक्षा देना अनिवार्य होगा. इसमें उत्तीर्ण होने पर ही उन्हें लर्निंग डीएल जारी किया जाएगा.