सचिन पायलट अपने बागी तेवर के साथ कांग्रेस के लिय सिरदर्द बने हुए हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ाते हुए पार्टी नेता सचिन पायलट ने अपनी ‘जन संघर्ष पदयात्रा’ बृहस्पतिवार दोपहर को अजमेर से शुरू की. उन्होंने कहा कि उनकी यह पांच दिन की यात्रा ‘भ्रष्टाचार के विरोध में’ है और बताया कि ‘अपनी आवाज उठाने, आपकी आवाज सुनने और जनता की आवाज बनने के लिए’ यह यात्रा निकाली जा रही है. बड़ी संख्या में समर्थक, इस यात्रा में पायलट के साथ चल रहे हैं. वह पहले दिन अजमेर से किशनगढ़ के तोलामल गांव तक करीब 25 किमी पैदल चले.
आपको बताएं की पायलट ने एक महीने पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने भाजपा के शासन काल में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर “निष्क्रियता” पर गहलोत को निशाना बनाते हुए एक दिन का अनशन रखने के लिए पार्टी की चेतावनी को खारिज कर दिया था. इधर RLP संयोजक और सांसद हुनमान बेनीवाल पायलट के समर्थन में आगे आए हैं. उन्होंने कहा ‘ सचिन पायलट अगर अपनी पार्टी बनाते हैं तो हम उनका साथ देंगे’.
यात्रा शुरू करने से पहले पायलट ने अजमेर में जयपुर रोड पर अशोक उद्यान के पास एक सभा की. इसमें उन्होंने कहा कि यात्रा किसी (व्यक्ति विशेष) के विरोध में नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया इसलिए उसे वहां बहुमत मिलने वाली है. पायलट ने कहा, ‘‘अपनी आवाज उठाने के लिए, आपकी आवाज सुनने के लिए, जनता की आवाज बनने के लिए हम लोगों ने यह यात्रा निकाली है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जन संघर्ष यात्रा किसी के विरोध में नहीं है. जन संघर्ष यात्रा भ्रष्टाचार के विरोध में है.
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अपने पराए की बात करने वाले और गुटबाजी करने वाले अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने वाले ही लोकतंत्र में सफल होते हैं और उन्होंने अपने जीवन में हमेशा यही प्रयास किया है. गहलोत यहां कांग्रेस नेता पंडित दिवंगत नवल किशोर शर्मा की प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में कामयाब वही होता है जो सबको साथ लेकर चलता है. जो अपने पराए की बात करता है जो गुटबाजी पैदा करता है कभी कामयाब नहीं हो सकता जिंदगी में. ये भावना रखना जरूरी है.’’
गहलोत ने हालांकि अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर बृहस्पतिवार को अजमेर से ‘जन संघर्ष पदयात्रा’ शुरू की है. आपको बताएं कि, राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. पायलट व मुख्यमंत्री गहलोत के बीच 2018 के आखिर में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के समय से ही ‘नेतृत्व’ को लेकर खींचतान चली आ रही है.