ओडिशा में झारसुगुड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम की घोषणा से ठीक पहले विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केसरी आरुख ने इस्तीफा दे दिया. विक्रम केसरी आरुख के इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया. एक साल तक स्पीकर के पद पर रहे आरुख ने खुद अपने इस्तीफे की जानकारी पत्रकारों को दी. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
विक्रम केसरी आरुख ने कहा कि जब तक वह विधानसभा के स्पीकर रहे, उन्होंने निष्ठापूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. आगामी राजनीतिक जीवन में भी वह निष्ठापूर्वक कार्य करते रहेंगे. नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के नेता आरुख ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसे निष्ठापूर्वक निभायेंगे.
अचानक आये आरुख के इस्तीफे और उनके बयान ने ओडिशा कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज कर दी है. बता दें कि जून 2022 में ओडिशा के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था. उस वक्त सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. तब के स्पीकर सूर्य नारायण पात्र ने भी त्यागपत्र दिया था.
सूर्य नारायण पात्र के इस्तीफे के बाद विक्रम केसरी आरुख को ओडिशा विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था. विक्रम केसरी आरुख भंजनगर विधानसभा सीट से वर्ष 1995 से लगातार जीत रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष बनने से पहले भी वह राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. चर्चा है कि एक बार फिर उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है.
उधर, झारसुगुड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजद की दीपाली दास ने एकतरफा जीत हासिल की है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टंकाधर त्रिपाठी को 48 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया. उपचुनाव में 9 उम्मीदवार मैदान में थे. दीपाली को सबसे ज्यादा 1,07,198 वोट मिले. भाजपा को 58,477 वोट प्राप्त हुए. कांग्रेस के तरुण पांडेय को 4,496 वोट मिले और वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाये.