बिहार के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में संविदा पर काम करने वाले 225 डाॅक्टरों को राज्य सरकार ने एक वर्ष का अवधि विस्तार दे दिया है. डाॅक्टरों की संविदा की अवधि जिस दिन समाप्त हो रही है उसी तिथि से अगले एक वर्ष के लिए यह विस्तार दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डाॅक्टरों की काफी कमी को देखते हुए यह विस्तार दिया गया है. स्थायी डाॅक्टरों के साथ ही संविदा वाले चिकित्सकों को स्वीकृत पद के विरुद्ध 35 से 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं. रिक्त पदों को भरने की कोशिश की जा रही है. इससे पूर्व संविदा आधारित नियुक्ति के लिए स्वीकृत 4751 पदों के विरुद्ध 2857 डाॅक्टरों का नियोजन किया गया था.
डाॅक्टरों के कार्य के आधार पर इनका आकलन कर कार्य संतोषजनक पाये जाने की स्थिति में इन्हें अवधि विस्तार दिया गया है. सूत्रों का कहना है इस वर्ष करीब ढ़ाई सौ डाॅक्टरों की संविदा अवधि विस्तारित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था. इस पर विचार करने के बाद 225 डाॅक्टरों को एक वर्ष का अवधि विस्तार दिया गया है. राज्य में स्थायी डाॅक्टरों के 12895 पद स्वीकृत हैं, जिसके विरुद्ध वर्तमान में करीब सात हजार स्थायी डाॅक्टर कार्यरत हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि विभाग के द्वारा राज्य में चिकित्सकों की मेगा बहाली की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. हालांकि, आधिकारिक रुप से इसकी अभी घोषणा नहीं की गयी है.
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राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न स्तरों पर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. तेजस्वी यादव के द्वारा सेवाओं में सुधार के लिए मिशन 60 की शुरूआत की गयी थी. इसका असर अब जमीन पर दिख रहा है. सरकार के द्वारा पहले से कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं को प्रखंड स्तर पर दुरुस्त किया जाएगा. ऐसे में चिकित्सकों की बहाली सबसे जरूरी कदम है.