कर्नाटक में अगले मुख्यमंत्री को लेकर पिछले चार दिनों से संशय की स्थिति बनी हुई थी. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे. लेकिन बुधवार को दिनभर चली मैराथन बैठक के बाद आखिरीकार स्थिति साफ हो गयी. सर्वसम्मति से सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया गया और डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम के लिए मान गये. हालांकि डीके को मनाने के लिए काफी मशक्कत के बाद मनाया जा सका.
डीके को मनाने के पीछे सोनिया गांधी का हाथ
कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम के लिए तैयार नहीं थे. बुधवार को उन्हें मनाने की पूरी कोशिश होती रही, लेकिन मुख्यमंत्री पद से नीचे वह मानने के लिए तैयार नहीं थे. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और फिर वेणुगोपाल भी डीके शिवकुमार को नहीं मना पाये. आखिरकार यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को कर्नाटक मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. बताया जा रहा है कि उन्होंने डीके शिवकुमार को एक फोन किया और वो डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार हो गये.
डिप्टी सीएम पद से अब भी खुश नहीं डीके शिवकुमार, पार्टी के लिए किया त्याग
डीके शिवकुमार के करीबी ने बताया, वह डिप्टी सीएम पद से खुश नहीं हैं. लेकिन पार्टी के हित के लिए उन्होंने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री पद के लिए तैयार हुए हैं. डीके शिवकुमार के भाई सुरेश ने कहा, कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिया गया फॉर्मूला कर्नाटक के हित में है. लेकिन मेरा भाई इससे खुश नहीं है. वह मुख्यमंत्री बनना चाहता था, लेकिन वह नहीं बन पाया. इस फैसले से हम भी खुश नहीं हैं. मेरे भाई ने पार्टी हित में त्याग किया है.
पार्टी के फॉर्मूला पर सहमत: डीके शिवकुमार
डिप्टी सीएम पद का ऑफर मिलने और उसपर सहमति जताने के बाद डीके शिवकुमार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह पार्टी के फॉर्मूले से सहमत हैं.
ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर कर्नाटक की सरकार
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ढाई-ढाई साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इसी फॉर्मूले के बाद शिवकुमार डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार भी हुए हैं. शिवकुमार ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक के हित के लिए वह सहमत हुए हैं. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 पर उनके सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. सिद्धारमैया ने भी 2 और 3 साल का फॉर्मूला दिया था. जिसमें उन्हें पहले दो साल और बाद में डीके शिवकुमार को आखिरी के तीन साल मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया था. गौरतलब है कि सिद्धारमैया को सरकार चलाने का अनुभव है, क्योंकि वह पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कर्नाटक की जनता का भी उन्हें जबरदस्त समर्थन प्राप्त है. वहीं डीके शिवकुमार को कर्नाटक में संकटमोचक के रूप में जाना जाता है. उन्हें पार्टी में संगठनात्मक कार्यों में महारत हासिल है.
सिद्धारमैया के आवास के बाहर, उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया का नाम तय होने की खबर आने के बाद बृहस्पतिवार को सुबह से ही यहां सिद्धारमैया के आवास और मैसूरु जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल है. सिद्धरमैया 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस खबर से उत्साहित हो कर उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में नारेबाजी की. सिद्धारमैया के पैतृक गांव सिद्धारमनहुंडी के निवासी यह जानकर बुधवार से ही जश्न मना रहे हैं कि उनके नेता एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. ग्रामीणों ने खुशी में पटाखे छोड़े, सिद्धारमैया के पक्ष में नारे लगाए और मिठाइयां बांटी.