International Museum Day 2023: प्राचीन सभ्यता, संस्कृति, मानव और जीवनशैली के इतिहास को संरक्षित रखने में संग्रहालय अहम भूमिका निभाते हैं. संग्रहालयों के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पूरी दुनिया में हर साल 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. आप अगर इतिहास की सुरक्षा और संरक्षण से जुड़े इस कार्यक्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो जानें म्यूजियोलॉजी एवं इससे जुड़े करियर विकल्पों के बारे में…
म्यूजियोलॉजी, संग्रहालयों के अध्ययन का क्षेत्र है, जिसमें संग्रहालय का प्रबंधन, प्रशासन एवं पुरातत्व, इतिहास, अनुसंधान व संग्रह की विशेषताओं के बारे में बताया जाता है. यह विषय खास तौर से उन युवाओं के लिए है, जिन्हें इतिहास में रुचि होने के साथ पुरातात्विक चीजों के अध्ययन और संग्रह में दिलचस्पी है. कला की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए म्यूजियोलॉजी का विस्तार हुआ है, जिससे इस क्षेत्र में योग्य प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है. आप अगर इतिहास की विरासत से लगाव और पुरानी कलाकृतियों को पसंद करते हैं, तो म्यूजियोलॉजी के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं तलाश सकते हैं.
किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं करनेवाला छात्र म्यूजियोलॉजी में करियर बना सकता है, बशर्ते उसकी रुचि हिस्ट्री, आर्कियोलॉजी, आर्ट, इंडियन कल्चर एंड हिस्ट्री, फाइन आर्ट्स आदि में होनी चाहिए. बारहवीं के बाद बैचलर ऑफ आर्ट्स इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी, बीए इन म्यूजियोलॉजी, बीए इन आर्कियोलॉजी आदि कोर्स कर सकते हैं. आर्काइव साइंस, एंथ्रोपोलॉजी, संस्कृति, जियोलॉजी, अर्थ साइंस और एनावार्यनमेंट साइंस में ग्रेजुएशन करनेवाले भी म्यूजियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. म्यूजियोलॉजी में कई डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी उपलब्ध हैं. आप म्यूजियोलॉजी में पीएचडी भी कर सकते हैं. पर्शियन, लैटिन, ग्रीक, अरेबिक, इटेलियन, जर्मन, फ्रेंच आदि विदेशी भाषाओं का ज्ञान आपको इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर प्रदान कर सकता है.
भारत में हमेशा से ही राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण को महत्व दिया जाता रहा है. नयी टेक्नोलॉजी के विकास ने म्यूजियोलॉजी क्षेत्र की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित किया है, जिससे यहां युवाओं के लिए नये मौके बन रहे हैं. म्यूजियोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद आप विभिन्न सेंट्रल एवं स्टेट म्यूजियम, जो इतिहास, आर्कियोलॉजी, टेक्सटाइल, न्युमिज्मैटिक सोसाइटी पर केंद्रित होते हैं, में काम का अवसर प्राप्त कर सकते हैं. अब प्राइवेट स्तर पर भी संग्रहालय खुल रहे हैं, यहां म्यूजियोलॉजिस्ट्स के लिए जॉब के रास्ते बने हैं. आप इन म्यूजियम्स में म्यूजियम मैनेजर, क्यूरेटर, डिप्टी क्यूरेटर, एजुकेटर, रिसर्च एसोसिएट, एग्जिबिट डिजाइनर, आर्काइविस्ट एवं कन्जर्वेशन स्पेशलिस्ट आदि के तौर पर काम कर सकते हैं. इसके अलावा आपके पास आर्ट गैलरी की देखभाल, उसका प्रेजेंटेशन, संरक्षण, प्रदर्शित कलाओं की जानकारी, कलेक्शन, डिजाइनिंग, आर्टीफैक्ट्स के डॉक्यूमेंटेशन संबंधी काम से जुड़ने का विकल्प भी होगा. आप चाहें तो इस विषय से नेट या स्लेट क्वालीफाइ करने के बाद संग्रहालय विज्ञान से संबंधित अनुसंधान और अध्यापन के क्षेत्र में भी खुद को आगे बढ़ा सकते हैं.
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राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान कला इतिहास, संरक्षण और संग्रहालय विज्ञान, नयी दिल्ली
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महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा
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कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
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छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, मुंबई