गोरखपुर : तीन दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय गोरखपुर के कैंट थाने के हिस्ट्रीशीटर अजीत शाही ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया . शाही पर 25000 रुपए का इनाम घोषित था. शाहपुर थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम 2 दिनों से माफिया की गिरफ्तारी के लिए गोरखपुर और देवरिया जिले में छापेमारी कर रही थीं. माफिया अजीत शाही के विरुद्ध न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है.अलग-अलग थानों में उसके विरूद्ध 33 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस रिकार्ड में अपराधिक माफिया घोषित है.
अजीत शाही पर पिछले 6 वर्ष में कोई मुकदमा दर्ज नहीं होने को आधार बनाकर गोरखपुर पुलिस ने टॉप 10 माफिया की सूची से उसका नाम बाहर कर दिया था. 12 मई को पूर्वोत्तर रेलवे के दी मैकेनिकल डिपार्टमेंट प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में नियुक्ति के लिए बैंक कर्मियों को धमकाने के बाद उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू हो गई थी. माफिया की पकड़ राजनीति और पुलिस में भी बतायी जाती है. एक सप्ताह पहले अजीत शाही के घर पर मांगलिक कार्यक्रम था. इसमें उसने मेहमानों के साथ फोटो भी खिंचवाए थे. फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए गए. पुलिस का शिकंजा कसने के बाद में फोटो डिलीट कर दिया था.
शाहपुर थाने की पुलिस सर्विस लांस की मदद से छानबीन में जुटी हुई थी.एसएसपी ने माफिया पर इनाम की राशि बढ़ाकर 50,000 करने के लिए आईजी को फाइल भेजी थी.एसटीएफ भी अजीत शाही की तलाश में लगी हुई थी.गोरखपुर स्थित माफिया के कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा डाला था. लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिल पाई. अजीत शाही के गांव में छुपे होने की सूचना पर गोरखपुर पुलिस ने देवरिया पुलिस के साथ उनके गांव पकड़ी बाबू में पहुंच कर छापेमारी की. अजीत शाही मूल रूप से देवरिया जिले के भाटपाररानी थाना क्षेत्र के पकड़ी बाबू गांव का रहने वाला है.
बुधवार की सुबह क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि अजीत साहू आत्मसमर्पण करने आ रहा है जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट कर कर दिया गया था. थाने की पुलिस की टीम को परिसर में मुस्तैद कर दिया था लेकिन बुधवार को अजीत शाही ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया था.अजीत शाही गोरखपुर में अपने परिवार के साथ कैंट थाना क्षेत्र के बेतियाहाता में आवास विकास कॉलोनी में रहता है.12 मई को शाहपुर थाने में जबरिया वसूली धमकी व बलवा का मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार था.
रिपोर्ट -कुमार प्रदीप