झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम और रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में नक्शा पास करने के लिए 20 से लेकर 30 रुपये प्रति वर्गफीट अवैध राशि वसूली को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का जवाब सुनने के बाद रांची नगर निगम व आरआरडीए में भवनों का नक्शा पास करने पर पूर्व में लगायी गयी रोक को हटा लिया. साथ ही राज्य सरकार को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि भवनों का नक्शा पास करने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए. प्रक्रिया के तहत जो समय सीमा निर्धारित की गयी है, उसके तहत भवन प्लान निष्पादित किया जाये. नक्शा पास करने में विलंब नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. भवनों के नक्शा की स्वीकृति की प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी हो जानी है.
खंडपीठ ने रांची नगर निगम व आरआरडीए को निर्देश देते हुए कहा कि जो भी भवन प्लान (नक्शा) लंबित है, उसका भी निष्पादन नये ऑटो डीसीआर के तहत किया जाये. साथ ही अगली सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट दायर की जाये. मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी. रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव, जबकि आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की.
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ को बताया कि भवनों का नक्शा स्वीकृति की प्रणाली में बदलाव लाया गया है. पहले नक्शा पास करने के लिए सात स्टेप में प्रक्रिया होती थी, जिसमें तीन स्टेप कम कर ऑटो डीसीआर सॉफ्टवेयर में पांच स्टेप कर दिया गया है.
साथ ही सभी स्टेप के लिए समय सीमा भी निर्धारित की गयी है. सभी के लिए एक-एक सप्ताह का समय दिया गया है. दो मंजिला भवन का नक्शा टाउन प्लानर पास करेगा, जबकि दो मंजिला से ऊपर का भवन नगर आयुक्त पास करेंगे. हाइकोर्ट के आदेश व लोगों की परेशानी को देखते हुए प्रक्रिया में बदलाव किया गया है.
411 भवनों का नक्शा है लंबित एक दिसंबर 2022 से नक्शा पास करने की प्रक्रिया बंद थी. इस दौरान आरआरडीए में 161 और रांची नगर निगम में 250 भवन प्लान स्वीकृति के लिए लंबित है. अब इन नक्शों को भी ऑटो डीसीआर में ही पांच स्टेप में स्वीकृति दी जायेगी.
तय समय सीमा के तहत भवन प्लान निष्पादित किया जाये, नक्शा पास करने में देर न हो
जो भी भवन प्लान लंबित है, उसका भी निष्पादन नये ऑटो डीसीआर के तहत किया जाये
भवनों के नक्शा स्वीकृति के लिए निर्धारित शुल्क के अलावा अवैध राशि की मांग की जाती है. अवैध राशि नहीं देने पर नक्शा स्वीकृत नहीं किया जाता है. नक्शा लंबित रहता है. छोटा मकान के लिए 30 से 50 हजार तथा अपार्टमेंट का नक्शा पास करने के लिए 20-30 रुपये प्रति वर्ग फीट राशि वसूली जाती है. ‘प्रभात खबर’ में 29 नवंबर 2022 को अवैध वसूली को लेकर प्रकाशित खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे रिट याचिका में तब्दील कर दिया था.
1. सबसे पहले एलटीपी (आर्किटेक्ट व लाइसेंसी इंजीनियर) नक्शे को प्री डीसीआर सॉफ्टवेयर में रन करायेंगे. इसके बाद चेक लिस्ट बनाकर नगर निगम में जमा करेंगे.
2. इसके तहत नगर निकाय नक्शे को ऑटो डीसीआर में रन करायेंगे. सब कुछ ठीक रहने पर कागजात को लीगल अफसर के पास जांच के लिए भेज दिया जायेगा.
3. लीगल अफसर सात दिन में कागजात की जांच कर जेइ को रिपोर्ट सबमिट करेंगे.
4. इसके तहत जेइ भवन निर्माण वाली जगह का भौतिक निरीक्षण करेंगे. पूरी प्रापर्टी की वीडियोग्राफी करेंगे. जेइ इसकी रिपोर्ट अधिकतम 14 दिनों के अंदर जमा करेंगे.
5. इसके तहत नक्शा टाउन प्लानर के पास स्वीकृति के लिए चला जायेगा. अगर बिल्डिंग जी प्लस टू तक है, तो उसका नक्शा टाउन प्लानर ही स्वीकृत करेंगे. अगर इमारत बहुमंजिली है, तो टाउन प्लानर के बाद इसकी फाइल स्वीकृति के लिए नगर आयुक्त के पास चली जायेगी.