झारखंड अलग राज्य के 32 आंदोलनकारियों को सात हजार रुपये सम्मान भत्ता मिल रहा है. वहीं 2511 आंदोलनकारियों को साढ़े तीन हजार रुपये मिलते हैं. इसके अलावा एक हजार आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्र दिया गया है. फिलहाल आंदोलनकारियों के 20 हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं.
गुरुवार को विधानसभा की आश्वासन समिति की बैठक हुई. इसमें झारखंड के आंदोलनकारियों को मिलने वाली सम्मान राशि और अन्य सुविधाओं का मामला आया. सभापति दीपक बिरुआ, सदस्य डॉ लंबोदर महतो और अंबा प्रसाद गृह विभाग के कामकाज को लेकर नाराज थे. विभाग को छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों में आंदोलनकारियों को मिल रही सुविधाओं से संबंधित रिपोर्ट कमेटी को देनी थी.
लेकिन यह रिपोर्ट कमेटी को नहीं मिली. सभापति श्री बिरुआ ने गृह विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कई बार बोलने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आ रही है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभी इन राज्यों के पास पत्राचार या मेल के माध्यम से सूचना भेज कर बैठक में आयें.
श्री बिरुआ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 10 दिनों के अंदर दूसरे राज्यों की नियमावली से संबंधित रिपोर्ट रखें. विस कमेटी को विभागीय अधिकारियों ने आंदोलनकारी सम्मान पेंशन की पूरी जानकारी दी. कमेटी को बताया गया कि चार हजार के करीब आंदोलनकारी चिह्नित हुए हैं. उनको अलग-अलग सम्मान राशि मिल रही है.