Bihar News: पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ उमा शंकर सिंह द्वारा मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने का प्रकाश में आया है. मरीजों की ओर से शिकायत और अस्पताल प्रशासन की जांच में उनकी ओर से बाहर की लिखी गयी दवाएं लिखने की पुष्टि हुई है. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेज लिख कर जांच कराने की अनुशंसा की गयी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि जांच होने तक डॉ उमाशंकर सिंह की पोस्टिंग पीएमसीएच से बाहर की जाये.
स्वास्थ्य विभाग को लिखित पत्र में बताया गया है कि पूर्वी चंपारण जिले के महरूआबाद गांव के 40 वर्षीय परमानंद कुमार ने अस्पताल प्रशासन को इसकी शिकायत की थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर इआरएस-2422 था. इसमें मरीज ने कहा है कि उसे बाहर की महंगी दवाएं लिखी गयीं. इसी तरह से औरंगाबाद जिले के मरीज के पिता संजय कुमार ने भी शिकायत की है कि उनकी बेटी आरती कुमारी को 12 अप्रैल, 2023 को डॉ उमाशंकर सिंह की ओर से बाहर की दवाएं लिखी गयीं. इसके अलावा कई अन्य मरीजों ने भी उनके खिलाफ यह शिकायत की है. शिकायतों के बाद अस्पताल प्रशासन ने औचक निरीक्षण कर मामले की जांच की, तो आठ से अधिक ट्रीटमेंट चार्ट में बाहर की दवाएं लिखी पायी गयीं, जबकि अधिकारियों का कहना है कि जो दवाएं डॉ उमा शंकर सिंह ने लिखी थीं, वे सभी दवाएं अस्पताल में मौजूद हैं.
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जांच में पाया गया है कि संबंधित डॉक्टर द्वारा जो दवाएं लिखी जा रही हैं, वे गोविंद मित्रा दवा मंडी में सभी दुकानों पर नहीं मिलती हैं. गोविंद मित्रा रोड में खास दुकानाें पर ही ये दवाएं मिलती हैं. बताया जा रहा है कि सरकारी पर्ची पर जो दवाएं लिखी जा रही हैं, उन पर कमीशन अच्छा मिलता है. यहां बता दें कि पीएमसीएच में सबसे अधिक गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं. यहां रोजाना करीब 1800 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं, जबकि 500 के आसपास इमरजेंसी में इलाज कराने आते हैं.
मैं बाहर की दवाएं नहीं लिखता हूं, यह जानबूझ कर मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है. मुझसे जितना भी स्पष्टीकरण मांगा गया, सबका जवाब मैंने बनाकर दे दिया. जबसे मैं एचओडी बना हूं, तब से समय पर क्लास, अधिक से अधिक सर्जरी हो रही है. मैंने खुद ही अपने विभाग में दो बार पत्र निकाला कि कोई भी डॉक्टर मरीज को बाहर की दवा नहीं लिखें.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि सर्जरी विभाग के अध्यक्ष के खिलाफ लगातार मरीज शिकायत कर रहे थे. इसके बाद औचक निरीक्षण किया गया, तो आठ से अधिक ट्रीटमेंट चार्ट मिले हैं, जिन पर उन्होंने बाहर की दवाएं लिखी हैं, जो एनएमसी के नियमानुसार गलत है. स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर जांच करने की मांग भी की गयी है. अगर एक महीने से अधिक के ट्रीटमेंट चार्ट की जांच की जाये, तो और खुलासा हो सकता है. जांच तक डॉ उमाशंकर को दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर करने की अनुशंसा भी विभाग से की गयी है.
Report: आनंद तिवारी