Lucknow : एफसीआई अफसर की पत्नी अनामिका हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. साजिश के तहत अफसर का किराएदार अर्जुन सिंह और उसका साथी इटौंजा निवासी वीरेंद्र कुमार यादव ने इस वारदात को अंजाम दिया था. उसने लूट के इरादे से अपने साथी को जियो नेट का एजेंट बनकर भेजा था.
इस दौरान अनामिका ने मोर्चा ले लिया, तब उसने चाकू से गोदकर मार दिया और फरार हो गया. पुलिस ने शनिवार को आरोपी अर्जुन को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया. दूसरे आरोपी वीरेन्द्र की तलाश में दबिश दे रही है. गिरफ्तार आरोपी ने वारदात करना कबूल लिया है.
बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी आदर्श कुमार एफसीआई मुख्यालय में एजी-।। (टेक) के पद पर कार्यरत हैं. वह छोटा भरवारा में पत्नी अनामिका (मूलरूप से बलिया निवासी) व डेढ़ साल की बेटी के साथ रहते थे. मकान की तीसरी मंजिल पर अर्जुन सोनी परिवार के साथ रहता था.
शुक्रवार सुबह आदर्श दफ्तर चले गए. दोपहर को अनामिका का घर में उसके मासूम बेटी के सामने ही चाकू से गला रेत कर कत्ल कर दिया गया था. किराएदार अर्जुन की पत्नी पूजा ने अनामिका के बच्चे के रोने की आवाज सुनकर घटना स्थल पर पहुंची थी. जिसके बाद सभी को घटना की जानकारी दी थी. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की.
एडीसीपी पूर्वी हृदेश कुमार ने बताया कि अनामिका के घर पिछले करीब ढाई साल से अर्जुन सिंह रखवाली करने के लिये सिर्फ बिजली का बिल देकर दूसरी मंजिल पर बने एक कमरे मे अपनी पत्नी पूजा सोनी और दो बच्चो के साथ रह रहा था. पिछले करीब 7-8 महीने से वह बेरोजगार था. इसके चलते अपने दोस्त वीरेन्द्र से मकान मालिक के घर लूटपाट की योजना बनाई.
जिसके चलते उसने वीरेंद्र को जियो नेट का एजेंट बताकर परिवार से मिलवाया. वारदात के एक दिन पहले अनामिका ने नेट खराब होने पर फोन कर वीरेन्द्र ने कहा कि जियो मशीन खराब है बदलनी पड़ेगी. घर आकर इसे ठीक करना है. इसके अगले दिन वीरेन्द्र अनामिका के घर पहुंचा और लूटपाट करने लगा. अनामिका के विरोध पर चाकू मारकर हत्या कर दी. कोई पहचान न सके इस लिए टोपी मफलर पहन कर आया था और घटना के बाद भाग निकला.
डीसीपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी ने पहले फर्जी जियो आईडी बनाई थी. जिसके बाद उसने घर में लगे जियो का सेटटॉप बाक्स खराब होने की बात कही थी. जिसके बाद अनामिका ने उससे संपर्क किया था. वारदात के बाद आरोपी अपने दोस्त अर्जुन से मिला और वहां से फरार हो गया.
पुलिस को मौके से टोपी, आई कार्ड समेत मोबाइल नंबर से कई क्लू मिले थे. जिसके बाद पुलिस आरोपी अर्जुन तक पहुंची. जिसने पूछताछ में पूरी घटना कबूल कर ली. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी वीरेन्द्र इटौंजा का रहने वाला है और वह हलवाई का काम करता है. आर्थिक तंगी के चलते लूटपाट की वारदात को अंजाम देने के लिए प्लानिंग बनाई थी.